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    सोने-चांदी में जबरदस्त तेजी! 9 अक्टूबर 2025 के लिए जानिए क्या खरीदना सही रहेगा — MCX Gold-Silver का आज का पूर्वानुमान

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    भारत में सोने और चांदी के दाम लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। अक्टूबर 2025 के पहले सप्ताह में ही बुलियन बाजार ने जबरदस्त तेजी दिखाई है और 9 अक्टूबर को भी यह रफ्तार जारी है। निवेशक और ट्रेडर दोनों ही यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या यह बढ़त आगे भी कायम रहेगी या फिर अब मुनाफावसूली का समय आ गया है। आइए समझते हैं आज का पूरा परिदृश्य, घरेलू और वैश्विक संकेतों के आधार पर।

    आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना ₹1,20,450 प्रति 10 ग्राम के आसपास ट्रेड कर रहा है। पिछले सप्ताह के मुकाबले इसमें करीब ₹1,200 की बढ़त देखी गई है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत $2,685 प्रति औंस के करीब बनी हुई है। इस बढ़त के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं — जैसे अमेरिकी ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद, डॉलर इंडेक्स में गिरावट और मध्य-पूर्व के भू-राजनीतिक तनाव।

    रुपये की कमजोरी ने भी इस तेजी में योगदान दिया है। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.62 के स्तर पर है, जिससे आयातित सोना महंगा हुआ है। भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है, वहां इस समय त्योहारों और शादी के सीजन की शुरुआत हो रही है। यह पारंपरिक मांग सोने की कीमतों को और सहारा दे रही है।

    चांदी ने इस महीने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी ₹1,47,800 प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है। सिर्फ तीन हफ्तों में इसमें करीब ₹7,000 की तेजी दर्ज की गई है। वैश्विक बाजार में भी चांदी $33.80 प्रति औंस के करीब है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 18% अधिक है।

    चांदी में बढ़त का एक कारण इंडस्ट्रियल डिमांड है। सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में चांदी की खपत तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़े बेहतर आने से मेटल्स की मांग में तेजी देखी जा रही है, जिसका सीधा फायदा चांदी को मिल रहा है।

    अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में नरमी के संकेत ने सोने और चांदी को एक बार फिर से निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है। इसके साथ ही, मध्य पूर्व और यूरोप में जारी भू-राजनीतिक तनाव ने सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) की मांग को बढ़ाया है। यही कारण है कि गोल्ड ETFs में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। भारत में गोल्ड ETF का AUM अब ₹83,000 करोड़ के पार जा चुका है।

    HSBC ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में 2025 के लिए औसत सोना कीमत अनुमान $2,750 प्रति औंस और चांदी $38.5 प्रति औंस बताया है। यह दर्शाता है कि आने वाले महीनों में भी बुलियन मार्केट में मजबूती रहने की उम्मीद है।

    तकनीकी चार्ट्स की बात करें तो सोना फिलहाल मजबूत अपट्रेंड में है। ₹1,19,500 का स्तर इसका मजबूत सपोर्ट बना हुआ है, जबकि ₹1,21,800 पर रेजिस्टेंस देखा जा रहा है। यदि सोना ₹1,21,800 के ऊपर बंद होता है, तो अगले लक्ष्य ₹1,23,000 तक जा सकते हैं।

    चांदी के लिए ₹1,45,000 सपोर्ट और ₹1,49,000 रेजिस्टेंस स्तर माना जा रहा है। यदि यह स्तर पार होता है, तो चांदी ₹1,52,000 तक पहुंच सकती है। अल्पावधि निवेशक सीमित लाभ बुकिंग कर सकते हैं, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह अब भी आकर्षक अवसर है।

    बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अभी सोने में गिरावट आने पर खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए। शादियों के सीजन और दिवाली जैसे त्योहारों में घरेलू मांग और बढ़ सकती है, जिससे भावों में और तेजी संभव है।

    हालांकि, जो निवेशक पहले से सोने में निवेश कर चुके हैं, उन्हें ₹1,22,000 के स्तर पर आंशिक मुनाफावसूली करनी चाहिए। वहीं, चांदी में तेजी दीर्घकाल में बरकरार रह सकती है क्योंकि इंडस्ट्रियल सपोर्ट मजबूत है।

    निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि वैश्विक आर्थिक या राजनीतिक स्थिरता आने पर इन धातुओं में सुधार या हल्की गिरावट देखी जा सकती है। इसलिए “स्टेप-बाय-स्टेप” खरीद की रणनीति ही सबसे बेहतर मानी जा रही है।

    विशेषज्ञों का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक सोना ₹1,23,500 तक और चांदी ₹1,50,000 प्रति किलो तक जा सकती है। हालांकि, डॉलर की मजबूती और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि से अस्थायी दबाव भी देखने को मिल सकता है।

    भारत में फेस्टिव सीजन के साथ-साथ विदेशी निवेशक भी बुलियन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। नतीजतन, आने वाले दिनों में भी सोने और चांदी की चमक बनी रह सकती है।

    9 अक्टूबर 2025 को सोना और चांदी दोनों ही तेजी के रुख में हैं। MCX पर सोना ₹1,20,000 के ऊपर और चांदी ₹1,47,000 के पार कारोबार कर रही है। वैश्विक आर्थिक संकेतों, फेस्टिव डिमांड और निवेशक रुचि ने बुलियन मार्केट को सहारा दिया है। फिलहाल, गिरावट में खरीदारी और ऊँचाई पर सीमित मुनाफावसूली की रणनीति अपनाना समझदारी होगी।

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