




भारत में तकनीकी नवाचार का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी चिप निर्माण कंपनी क्वालकॉम (Qualcomm) के सीईओ क्रिस्टियानो अमोन से मुलाकात की, जिसमें देश की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Ai) और सेमीकंडक्टर से जुड़ी पहलों पर गहन चर्चा हुई। यह बैठक भारत के “डिजिटल इंडिया” मिशन को वैश्विक स्तर पर नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात में भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन और Ai विकास के लिए क्वालकॉम की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में एक अहम भागीदार बनने के लिए तैयार है, और क्वालकॉम जैसी कंपनियों की भूमिका इसमें निर्णायक होगी।
क्वालकॉम दुनिया की अग्रणी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है, जो मोबाइल चिपसेट, 5G नेटवर्क, Ai और सेमीकंडक्टर तकनीक के क्षेत्र में अपना दबदबा रखती है। कंपनी पहले से ही भारत में अपने अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी और क्रिस्टियानो अमोन की यह मुलाकात भारत में “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” अभियानों को और मजबूत बनाने के लिए मील का पत्थर मानी जा रही है।
दोनों नेताओं ने भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, Ai इनोवेशन, और टेक स्टार्टअप सहयोग जैसे क्षेत्रों में निवेश और सहयोग पर चर्चा की।
क्रिस्टियानो अमोन ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वस्त किया कि क्वालकॉम भारत में अपनी निवेश गतिविधियों को और विस्तार देगा और Ai सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर विचार कर रहा है, ताकि भारतीय इंजीनियर और शोधकर्ता Ai आधारित समाधानों पर काम कर सकें।
भारत तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उभरता हुआ केंद्र बन रहा है।
सरकार ने हाल ही में “India Semiconductor Mission (ISM)” शुरू किया है, जिसके तहत देश में सेमीकंडक्टर फैब यूनिट्स और डिजाइन हब विकसित किए जा रहे हैं।
क्वालकॉम जैसी कंपनियों की भागीदारी से भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा बल मिलेगा।
कंपनी पहले से ही भारत में चिप डिजाइन और Ai आधारित हार्डवेयर विकास पर कार्य कर रही है। इस समय क्वालकॉम के हैदराबाद, बेंगलुरु और नोएडा में अनुसंधान केंद्र संचालित हैं, जहां हजारों भारतीय इंजीनियर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा —
“भारत का लक्ष्य सिर्फ तकनीक का उपभोक्ता बनना नहीं, बल्कि वैश्विक टेक्नोलॉजी हब बनना है। Ai और सेमीकंडक्टर इस यात्रा के दो प्रमुख स्तंभ होंगे।”
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी ताकत का लोहा मनवाया है।
चाहे डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI हो या सैटेलाइट लॉन्चिंग में भारत की किफायती तकनीक — भारत ने हर क्षेत्र में नवाचार का उदाहरण पेश किया है।
अब क्वालकॉम जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी से भारत Ai और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी अग्रणी बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि “मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड” का लक्ष्य भी साकार होगा।
क्वालकॉम भारत में लंबे समय से कार्यरत है और यहां वह स्मार्टफोन चिपसेट, 5G इंफ्रास्ट्रक्चर, IoT और ऑटोमोटिव तकनीक पर काम कर रही है।
अब कंपनी का फोकस Ai और मशीन लर्निंग आधारित प्रोडक्ट्स पर है।
कंपनी के सीईओ क्रिस्टियानो अमोन ने कहा कि भारत की टैलेंट पोटेंशियल और सरकारी नीतियां निवेश के लिए बेहद अनुकूल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि क्वालकॉम भारत में आने वाले वर्षों में अपनी टीम का आकार दोगुना करने की योजना बना रही है।
“भारत में नवाचार की ऊर्जा है, और क्वालकॉम इस परिवर्तन का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता है,” — अमोन ने कहा।
भारत सरकार ने “National Strategy for Ai” के तहत Ai इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कई नई नीतियां लागू की हैं।
इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में Ai के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
क्वालकॉम की भागीदारी से इन क्षेत्रों में Ai आधारित समाधान विकसित करने में तेजी आएगी।
साथ ही, सेमीकंडक्टर उत्पादन में सहयोग से भारत आयात पर निर्भरता कम करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को बल मिलेगा।