




केंद्र सरकार ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी गौरव दयाल को देश के सबसे बड़े बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT), नवी मुंबई का चेयरमैन नियुक्त किया है। यह नियुक्ति गौरव दयाल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, वहीं भारत के समुद्री व्यापार क्षेत्र में प्रशासनिक दक्षता और नई ऊर्जा के समावेश का प्रतीक भी मानी जा रही है।
भारत का यह सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार की रीढ़ है, जहां से भारत के कुल समुद्री व्यापार का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा संचालित होता है। गौरव दयाल को यह जिम्मेदारी पांच साल की अवधि के लिए सौंपी गई है।
गौरव दयाल 2002 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, जो उत्तर प्रदेश कैडर से संबंधित हैं। उन्हें उनकी ईमानदारी, कार्यकुशलता और नीति-निर्माण की गहरी समझ के लिए जाना जाता है। प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी (DM) और राज्य सरकार में सचिव स्तर के पद शामिल हैं।
गौरव दयाल ने अपनी सेवा के दौरान कई जिलों में नवाचार, पारदर्शिता और तकनीकी सुधार के माध्यम से प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूत बनाया। वे जनता से सीधे संवाद और तेज निर्णय क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं।
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT), जिसे आमतौर पर न्हावा शेवा पोर्ट के नाम से जाना जाता है, भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त कंटेनर पोर्ट है। यह महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित है और एशिया के सबसे सक्रिय बंदरगाहों में से एक है।
इस पोर्ट से हर साल लाखों टन सामान का आयात और निर्यात होता है। ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल जैसे कई प्रमुख उद्योग इसी बंदरगाह के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचते हैं। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में इसे ‘स्मार्ट पोर्ट’ बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
केंद्र सरकार का यह निर्णय इसलिए अहम है क्योंकि JNPT भारत की ब्लू इकॉनमी और सागरमाला परियोजना के तहत एक रणनीतिक केंद्र बिंदु है। सरकार चाहती है कि भारतीय बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों, और इसके लिए एक दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत थी।
गौरव दयाल के अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनका प्रशासनिक करियर दिखाता है कि वे न केवल योजनाओं को धरातल पर उतारने में सक्षम हैं, बल्कि टीम को प्रेरित कर परिणाम देने की क्षमता भी रखते हैं।
गौरव दयाल को JNPT का चेयरमैन बनाकर सरकार ने उन पर बड़ा भरोसा जताया है। उनका पांच साल का कार्यकाल कई चुनौतियों और अवसरों से भरा रहेगा।
मुख्य चुनौतियों में शामिल हैं –
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बंदरगाह के बुनियादी ढांचे का विस्तार,
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लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का आधुनिकीकरण,
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ग्रीन पोर्ट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना,
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और डिजिटल पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाना।
JNPT पहले से ही भारत के “Ease of Doing Business” सूचकांक में एक उदाहरण माना जाता है। गौरव दयाल की नेतृत्व में इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
IAS गौरव दयाल ने अपने करियर में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वे कई बार प्रशासनिक सुधार और नवाचारों के लिए पुरस्कृत भी किए जा चुके हैं।
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गाजियाबाद के जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने शहरी विकास योजनाओं को नए सिरे से लागू किया।
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बरेली और मुरादाबाद में उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए नई नीतियाँ अपनाईं।
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उन्होंने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देकर सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाई।
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स्थानीय स्तर पर जनसंवाद और शिकायत निवारण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए।
इन अनुभवों के चलते उन्हें बंदरगाह प्रशासन की जटिलता को संभालने के लिए सबसे उपयुक्त अधिकारी माना गया है।
केंद्र सरकार ने गौरव दयाल की नियुक्ति को प्रशासनिक सेवा में ‘प्रतिभा और प्रदर्शन आधारित पदोन्नति’ के उदाहरण के रूप में पेश किया है। सरकार का मानना है कि इस तरह की नियुक्तियाँ न केवल संस्थागत दक्षता बढ़ाती हैं बल्कि युवा अधिकारियों को उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करती हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, गौरव दयाल की नियुक्ति से JNPT में प्रबंधन की नई दृष्टि आएगी, जो डिजिटल, पारदर्शी और हरित बंदरगाह की दिशा में तेजी लाएगी।
भारत सरकार ने JNPT के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएँ शुरू की हैं — जैसे कि डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, कार्गो हैंडलिंग ऑटोमेशन, और ग्रीन एनर्जी पोर्ट मॉडल।
गौरव दयाल से उम्मीद की जा रही है कि वे इन योजनाओं को तेज़ी और कुशलता से लागू करेंगे, ताकि JNPT न केवल भारत बल्कि एशिया के सबसे उन्नत बंदरगाहों में गिना जाए।
उनकी प्राथमिकता पोर्ट संचालन में पारदर्शिता, कर्मचारी कल्याण और निवेशकों के भरोसे को बढ़ाना होगा।