• Create News
  • Nominate Now

    श्रीलंका में भारत बनाएगा 65,000 घर: बंदरवेला में शुरू हुआ प्रोजेक्ट का नया चरण, तमिल समुदाय को मिलेगा बड़ा लाभ

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    भारत और श्रीलंका के बीच दोस्ती और विकास का रिश्ता एक बार फिर मजबूत हुआ है। दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देने की दिशा में भारत ने श्रीलंका में आवास निर्माण परियोजना के चौथे चरण के दूसरे हिस्से की शुरुआत कर दी है। इस परियोजना के तहत भारत श्रीलंका में कुल 65,000 घरों का निर्माण कर रहा है, जो विशेष रूप से भारतीय मूल के तमिल समुदाय के पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है।

    यह नई शुरुआत श्रीलंका के बंदरवेला (Bandarawela) क्षेत्र में की गई है, जहां भारत की सहायता से बनने वाले आवास गरीब और विस्थापित परिवारों को एक नया जीवन देने का काम करेंगे।

    भारत की ऐतिहासिक पहल

    भारत ने श्रीलंका में गृह निर्माण परियोजना की शुरुआत कई साल पहले की थी, जब वहां के गृहयुद्ध के बाद तमिल समुदायों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा था। भारत ने मानवीय दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए इन समुदायों को फिर से बसाने के लिए बड़ी सहायता दी।

    भारतीय आवास परियोजना (IHP) के तहत भारत अब तक श्रीलंका में 46,000 से अधिक घरों का निर्माण कर चुका है, जबकि अगले चरणों में 65,000 घरों का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना श्रीलंका में भारतीय विकास सहयोग कार्यक्रम के तहत सबसे बड़े मानवीय प्रयासों में से एक है।

    नया चरण – बंदरवेला में हुई शुरुआत

    श्रीलंका के बंदरवेला क्षेत्र में इस परियोजना के चौथे चरण का दूसरा हिस्सा शुरू हुआ है। इस चरण के तहत सैकड़ों नए घरों का निर्माण किया जाएगा। परियोजना की शुरुआत एक विशेष समारोह में हुई, जिसमें भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा, श्रीलंका सरकार के प्रतिनिधि और तमिल समुदाय के स्थानीय नेता उपस्थित रहे।

    समारोह में भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि

    “भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा रहा है — चाहे वह आपदा राहत की बात हो, स्वास्थ्य सुविधाओं की हो या पुनर्वास की। यह परियोजना केवल ईंट-पत्थर का निर्माण नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की नींव को और मजबूत करती है।”

    तमिल समुदाय को मिलेगी बड़ी राहत

    श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में बसे तमिल समुदायों ने गृहयुद्ध के दौरान भारी नुकसान झेला था। कई परिवारों के घर उजड़ गए, जिससे वे वर्षों तक विस्थापित जीवन जीने को मजबूर रहे। भारत की इस परियोजना ने उन परिवारों को फिर से बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    नए घर मिलने से इन परिवारों को न केवल छत मिलेगी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा। यह पहल श्रीलंका के सामाजिक पुनर्निर्माण और सामंजस्य के प्रयासों को भी गति देगी।

    भारत का योगदान और सहायता संरचना

    भारत की यह आवास परियोजना पूर्णतः अनुदान सहायता (Grant Assistance) के रूप में है। यानी इसके लिए श्रीलंका को भारत को कोई भुगतान नहीं करना पड़ता। यह सहायता भारत के “Neighborhood First Policy” के तहत दी जा रही है, जो पड़ोसी देशों के विकास को भारत की प्राथमिकता में रखती है।

    प्रत्येक घर के निर्माण में भारत की ओर से वित्तीय सहायता के साथ-साथ तकनीकी मार्गदर्शन और स्थानीय श्रमिकों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया गया है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

    स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

    बंदरवेला और आसपास के इलाकों में इस परियोजना की शुरुआत का लोगों ने खुले दिल से स्वागत किया है। कई लाभार्थी परिवारों ने कहा कि वर्षों बाद उन्हें एक स्थायी छत मिलने जा रही है।

    एक लाभार्थी महिला ने कहा,

    “हमने युद्ध में सब कुछ खो दिया था। अब भारत की मदद से हमें अपना घर और उम्मीद दोनों वापस मिल रही हैं।”

    वहीं, स्थानीय प्रशासन ने भी भारत की इस पहल को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि यह कदम दोनों देशों के बीच “पीपल-टू-पीपल कनेक्शन” को और मजबूत करेगा।

    भारत-श्रीलंका रिश्तों में नया आयाम

    यह आवास परियोजना केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि भारत-श्रीलंका के बीच गहराते संबंधों का प्रतीक है। हाल के वर्षों में भारत ने श्रीलंका को स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, और परिवहन के क्षेत्र में भी कई परियोजनाओं में सहायता दी है।

    श्रीलंका की आर्थिक मुश्किलों के समय भारत ने उसे 4 बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद भी दी थी, जिसमें ईंधन, खाद्य और दवाइयों की आपूर्ति शामिल थी। अब आवास परियोजना का यह नया चरण दोनों देशों के बीच विकास सहयोग के रिश्ते को और गहरा करेगा।

    राजनयिक दृष्टि से महत्व

    राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना भारत के “सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी” का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत अपने मानवीय सहयोग से दक्षिण एशिया में स्थिरता और विकास का संदेश दे रहा है।

    यह प्रयास केवल श्रीलंका में ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में भारत की विश्वसनीयता और नेतृत्व को मजबूत करता है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    मिजोरम में आंतरिक रेखा परमिट उल्लंघन के आरोप में 36 लोगों को हिरासत में लिया गया, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मिजोरम में आंतरिक रेखा परमिट (ILP) नियमों के उल्लंघन के आरोप में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस…

    Continue reading
    जापान ओपन स्क्वैश: जोशना चिनप्पा ने मिस्र की हाया अली को हराकर जीता अपना 11वां PSA टाइटल

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारतीय महिला स्क्वैश स्टार जोशना चिनप्पा ने जापान ओपन में एक शानदार प्रदर्शन करते हुए मिस्र की तीसरे सीड हाया…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *