




उत्तर प्रदेश पुलिस के सख्त, ईमानदार और दूरदर्शी अधिकारियों में गिने जाने वाले IPS कलानिधि नैथानी एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने जहां भी तैनाती पाई, वहां अपराधियों की नींद उड़ा दी। कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना और जनता का भरोसा पुलिस पर कायम रखना उनकी कार्यशैली की पहचान रही है। चाहे दिल्ली दंगों के समय गाजियाबाद की स्थिति को नियंत्रण में रखना हो या माफिया की अरबों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाना — हर बार कलानिधि नैथानी ने अपनी काबिलियत से खुद को एक मिसाल के रूप में स्थापित किया।
वर्तमान में IPS कलानिधि नैथानी मेरठ रेंज के डीआईजी के रूप में तैनात हैं, लेकिन उनके शानदार करियर की झलक यूपी के कई जिलों में देखी जा सकती है। वह अब तक पीलीभीत, फतेहपुर, मिर्जापुर, कन्नौज, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, गाजियाबाद और अलीगढ़ जैसे जिलों में बतौर कप्तान सेवा दे चुके हैं। हर जिले में उनकी पहचान एक सख्त, संवेदनशील और निडर अधिकारी के रूप में बनी।
साल 2020 में जब दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, तब उसका प्रभाव तेजी से एनसीआर तक फैलने लगा था। गाजियाबाद, जो दिल्ली से सटा हुआ जिला है, वहां तनाव की स्थिति बननी शुरू हो गई थी। लेकिन उस समय जिले के कप्तान IPS कलानिधि नैथानी ने हालात को जिस कुशलता और रणनीति से संभाला, उसने एक बड़े संकट को टाल दिया।
उन्होंने पुलिस बल की तैनाती को पुनर्गठित किया, संवेदनशील इलाकों में तुरंत गश्त बढ़ाई और सभी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित किया। उनकी पहल के कारण गाजियाबाद में दंगे की कोई चिंगारी भी नहीं भड़क सकी। जहां दिल्ली के कई इलाके आग और हिंसा की चपेट में थे, वहीं गाजियाबाद शांत बना रहा। उनकी इस सूझबूझ भरी कार्रवाई की सराहना न सिर्फ यूपी पुलिस के भीतर हुई बल्कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने भी उनके काम की तारीफ की।
IPS कलानिधि नैथानी की एक और बड़ी उपलब्धि रही है—अपराधियों और माफिया नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार। उन्होंने अपने कार्यकाल में अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने की नीति अपनाई। उनके नेतृत्व में कई नामी माफिया और उनके सहयोगियों की अरबों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया गया। गाजियाबाद में माफिया पर की गई कार्रवाई की चर्चा पूरे प्रदेश में रही।
कलानिधि नैथानी का मानना है कि अपराध पर नियंत्रण केवल गिरफ्तारी या एनकाउंटर से नहीं, बल्कि अपराधियों के आर्थिक स्रोत खत्म करने से संभव है। इसी सोच के तहत उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर “माफिया फ्री गाजियाबाद” अभियान चलाया। इस दौरान अपराधियों की बेनामी संपत्तियों की पहचान की गई और उन पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलवाए।
उनकी कार्यशैली हमेशा जनता-केन्द्रित रही है। वे पुलिसिंग को केवल कानून लागू करने का साधन नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी मानते हैं। उन्होंने गाजियाबाद में “जनसंवाद” कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत नागरिक सीधे कप्तान से अपनी शिकायतें साझा कर सकते थे। इससे न केवल जनता का भरोसा बढ़ा, बल्कि पुलिस की छवि भी बेहतर हुई।
IPS नैथानी को उनकी तकनीकी समझ और नवाचार के लिए भी जाना जाता है। वे साइबर अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में भी गहरी रुचि रखते हैं। उनके नेतृत्व में कई जिलों में “साइबर सेल” को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को आधुनिक जांच तकनीक और डेटा एनालिसिस के उपयोग का प्रशिक्षण दिलवाया, जिससे कई महत्वपूर्ण केस सुलझाए जा सके।
कलानिधि नैथानी अपने करियर में हमेशा अनुशासन, पारदर्शिता और टीमवर्क को प्राथमिकता देते आए हैं। उनके अधीन कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी बताते हैं कि वे हर कर्मचारी से सीधे संवाद करते हैं और किसी भी छोटी से छोटी शिकायत को भी गंभीरता से लेते हैं। उनके निर्देशन में कई जिलों में पुलिस और जनता के बीच बेहतर संबंध कायम हुए हैं।
लखनऊ और बरेली में तैनाती के दौरान भी उन्होंने कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में बनी जो न केवल अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करता है बल्कि पुलिस बल में व्यावसायिकता और नैतिकता को भी प्राथमिकता देता है।
IPS नैथानी ने अपने सेवा काल में कई बार अपनी जान जोखिम में डालकर भी जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की। उनके साहसिक निर्णयों ने उन्हें “जांबाज़ पुलिस अधिकारी” की श्रेणी में ला खड़ा किया है। यही कारण है कि वे जनता और सहयोगियों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं।
उनकी मेहनत और ईमानदारी का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें मेरठ रेंज जैसे संवेदनशील क्षेत्र का डीआईजी नियुक्त किया। यहां भी उन्होंने अपनी कुशलता से कई बड़े अपराधों का पर्दाफाश कराया और गैंगस्टरों पर शिकंजा कसा।
IPS कलानिधि नैथानी की कहानी केवल एक पुलिस अधिकारी की सफलता की नहीं, बल्कि उस संकल्प की है जो व्यवस्था को न्याय और सुरक्षा की दिशा में ले जाता है। उनकी कार्यशैली आज के युवा पुलिस अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।