




त्योहारों के इस मौसम में सोना और चांदी एक बार फिर चर्चा में हैं। मार्केट खुलते ही आज सोने की कीमतों में ₹2,000 प्रति 10 ग्राम की जबरदस्त छलांग लग गई, जबकि चांदी ₹5,000 प्रति किलोग्राम उछल गई। इस तेजी ने निवेशकों और ज्वैलरी कारोबारियों दोनों को चौंका दिया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर ट्रेडिंग की शुरुआत में ही सोना रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और एक बार फिर ‘ऑल टाइम हाई’ का नया रिकॉर्ड बना गया।
दरअसल, इस साल सोने ने अब तक 40 से ज्यादा बार ऑल टाइम हाई को छुआ है। इसका मतलब यह है कि बाजार में लगातार बुलिश सेंटीमेंट बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, और केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी ने कीमतों में मजबूती लाई है।
वहीं, चांदी के भावों में भी भारी तेजी देखी जा रही है। औद्योगिक मांग बढ़ने के साथ-साथ निवेशक अब इसे भी सुरक्षित निवेश विकल्प मानने लगे हैं। आज के सत्र में चांदी ₹5,000 उछलकर ₹1,64,000 प्रति किलोग्राम के करीब पहुंच गई। दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद जैसे प्रमुख बाजारों में चांदी के भावों में इसी तरह की तेजी दर्ज की गई है।
भारत में सोने और चांदी की खरीदारी को लेकर पारंपरिक रुझान हमेशा से मजबूत रहा है, और अब जब धनतेरस का पर्व करीब है, तो बाजार में मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है। देशभर के सर्राफा बाजारों में खरीदारों की आवाजाही तेज हो गई है। लोग पहले से बुकिंग करा रहे हैं, ताकि बढ़ती कीमतों से पहले कुछ मात्रा में सोना-चांदी खरीद सकें।
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे भू-राजनीतिक तनाव और महंगाई की चिंताएं भी एक बड़ा कारण हैं। अमेरिका, चीन और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं में धीमी रिकवरी के चलते निवेशक इक्विटी बाजारों से पैसा निकालकर सुरक्षित संपत्ति यानी गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। डॉलर में कमजोरी और बॉन्ड यील्ड में गिरावट से भी सोने की मांग और मजबूत हुई है।
बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि धनतेरस और दिवाली के दौरान सोना ₹1,25,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर सकता है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि वैश्विक स्तर पर तनाव जारी रहा और डॉलर इंडेक्स नीचे गया, तो दिसंबर तक सोना ₹1,30,000 तक जा सकता है। वहीं, चांदी ₹1,75,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
हालांकि, इतनी तेजी के बीच निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस समय सोने या चांदी में निवेश लंबे समय के लिए किया जाए। अल्पकालिक (शॉर्ट-टर्म) निवेश करने वालों के लिए जोखिम बढ़ा हुआ है क्योंकि कीमतों में अचानक गिरावट की संभावना भी बनी रहती है।
कमोडिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस समय सोना-चांदी के फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेडिंग करने से पहले स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है। जिन निवेशकों ने पहले से सोना खरीदा हुआ है, वे मुनाफावसूली कर सकते हैं, जबकि नए निवेशकों को थोड़ा इंतजार करना चाहिए क्योंकि त्योहारी सीजन के बाद कीमतों में हल्की नरमी देखी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो स्पॉट गोल्ड $2,610 प्रति औंस के पार पहुंच गया है, जो एक नया उच्च स्तर है। वहीं, चांदी $31 प्रति औंस पर ट्रेड हो रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में जल्द कमी की उम्मीदें और डॉलर में कमजोरी ने भी कीमती धातुओं को बल दिया है।
भारत में सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि इस बार धनतेरस पर मांग पिछले साल की तुलना में 15–20% अधिक रह सकती है। हालांकि, कीमतें बढ़ने के कारण कई उपभोक्ता छोटे आकार की ज्वैलरी या सोने के सिक्के खरीदने को प्राथमिकता देंगे।
दूसरी ओर, ज्वैलर्स को चिंता है कि यदि कीमतें इसी तरह ऊपर जाती रहीं तो आम खरीदारों की पहुंच से सोना दूर हो सकता है। ऐसे में बाजार में मांग का असंतुलन भी देखने को मिल सकता है।
देश के कई हिस्सों में आज से ही ज्वैलरी स्टोर्स में भीड़ देखी जा रही है। सोने के सिक्कों, ब्रेसलेट्स और हल्की ज्वैलरी की बिक्री में तेज उछाल है। ग्रामीण इलाकों में भी लोग धनतेरस से पहले अपनी परंपरागत खरीदारी की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट अजय खेतान का कहना है कि “सोना इस समय वैश्विक आर्थिक स्थिति का प्रतिबिंब है। निवेशक इसे सुरक्षित पनाहगाह के रूप में देख रहे हैं। जब भी बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, सोने में तेजी आना तय है।”
अभी के रुझान बताते हैं कि सोने और चांदी का यह बुल रन जल्दी थमने वाला नहीं है। धनतेरस तक दोनों धातुएं नए रिकॉर्ड बना सकती हैं। लेकिन खरीदारों के लिए समझदारी इसी में है कि वे चरणबद्ध तरीके से निवेश करें और बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए रखें।