




मणिपुर पुलिस ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई इंफाल के पूर्व और पश्चिम जिलों में की गई। गिरफ्तार किए गए एक उग्रवादी की पहचान कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) नामक प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय कैडर के रूप में हुई है।
इंफाल पूर्व जिले के उछोन अवांग लैकाई इलाके से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरा गिरफ्तार व्यक्ति इंफाल पश्चिम से पकड़ा गया। पुलिस और असम राइफल्स की संयुक्त टीमों ने यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के पास से निम्नलिखित वस्तुएं बरामद की गईं:
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एक 9 मिमी पिस्तौल
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कई राउंड जिंदा कारतूस
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प्रतिबंधित साहित्य और दस्तावेज
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संचार उपकरण
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नक्शे और संदिग्ध योजनाएं
ये वस्तुएं इस ओर इशारा करती हैं कि दोनों उग्रवादी किसी संभावित हमले की योजना बना रहे थे या किसी उग्रवादी अभियान का हिस्सा थे।
इस कार्रवाई को मणिपुर में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा साझा अभियान के तहत यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद से जुड़े कई संगठन फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य में आतंकवाद की जड़ों को समाप्त करना और आम नागरिकों में विश्वास बहाल करना है।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद कुछ क्षेत्रों में हल्की चिंता की लहर देखी गई, लेकिन सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया और इलाके में तैनात अतिरिक्त बलों की उपस्थिति ने स्थिति को काबू में रखा। जैसे बेलगावी में पत्थरबाजी की घटना के बाद धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होता गया था, वैसे ही इंफाल के इन इलाकों में भी लोग अब सड़कों पर लौटने लगे हैं, दुकानें खुल गई हैं और बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था पर आम जनता का विश्वास अब भी बना हुआ है।
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों गिरफ्तार आरोपियों से सघन पूछताछ की जा रही है। उनसे यह जानकारी प्राप्त की जा रही है कि क्या वे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं और किन लोगों या संगठनों के संपर्क में हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि इनसे मिली जानकारी के आधार पर और गिरफ्तारियाँ भी हो सकती हैं।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। एक दुकानदार ने कहा, “हम रोज़ डर के साये में रहते हैं। यह सुनकर अच्छा लगा कि ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं। उम्मीद है कि अब शांति बनी रहेगी।”
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अजय मेहता ने कहा, “मणिपुर जैसे संवेदनशील राज्य में ऐसी कार्रवाइयों का होना जरूरी है। इससे न केवल उग्रवादियों का मनोबल टूटता है, बल्कि नागरिकों में सुरक्षा का भाव भी मजबूत होता है।”
मणिपुर लंबे समय से जातीय संघर्ष, अवैध हथियारों की तस्करी और उग्रवादी गतिविधियों से ग्रसित रहा है। राज्य में दर्जनों उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें से कई प्रतिबंधित किए जा चुके हैं। ऐसे में यह गिरफ्तारी न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम भी है।
मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों की इस संयुक्त कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में उग्रवादी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है। हथियारों की बरामदगी और गिरफ्तारियों के जरिए यह संदेश दिया गया है कि मणिपुर में कानून का राज कायम है और कोई भी असामाजिक तत्व अब सुरक्षित नहीं रहेगा।