




उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में वाराणसी (काशी) के खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान खींच लिया। बनारस के इन युवा एथलीट्स ने न केवल खेल मैदान में बेहतरीन जज़्बा दिखाया, बल्कि अपनी मेहनत और अनुशासन से राज्य स्तर पर दो महत्वपूर्ण मेडल जीतकर पूरे पूर्वांचल का मान बढ़ाया।
इस प्रतियोगिता में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए सैकड़ों एथलीट्स ने भाग लिया, लेकिन वाराणसी के खिलाड़ियों का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा। एथलेटिक्स के अलग-अलग इवेंट्स में जब खिलाड़ियों ने दौड़ लगाई, तो बनारस के इन होनहारों की रफ्तार ने सबको हैरान कर दिया।
बनारस के खिलाड़ियों की जीत की कहानी
वाराणसी की आकांक्षा चौबे ने महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीता, जबकि अभिषेक यादव ने लॉन्ग जंप इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। इन दोनों खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता के दौरान अपने प्रदर्शन से दर्शकों और कोचों की जमकर सराहना बटोरी।
आकांक्षा ने फाइनल रेस में जबरदस्त दौड़ लगाते हुए मात्र 0.6 सेकंड के अंतर से गोल्ड मेडल मिस किया, लेकिन उनका टाइमिंग अब तक का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ था। वहीं अभिषेक यादव ने लॉन्ग जंप में 7.04 मीटर की छलांग लगाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। दोनों खिलाड़ियों ने वाराणसी के स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर की ओर से भाग लिया था।
कोच की मेहनत और खिलाड़ियों की लगन
इन सफलताओं के पीछे वाराणसी के कोच रमेश मिश्र और रीना तिवारी की अहम भूमिका रही। कोच रमेश मिश्र ने बताया,
“हमारे खिलाड़ी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बनारस में सुविधाएं भले सीमित हैं, लेकिन हौसले बहुत ऊंचे हैं। आकांक्षा और अभिषेक की यह सफलता अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।”
रीना तिवारी ने कहा कि महिला खिलाड़ियों का आत्मविश्वास अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है। आकांक्षा ने जिस तरह अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी, वह बताता है कि बनारस की बेटियां अब किसी से पीछे नहीं हैं।
वाराणसी में खुशी की लहर
इस जीत की खबर मिलते ही वाराणसी के खेल प्रेमियों, परिवारों और प्रशिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला खेल अधिकारी ने दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित करने की घोषणा की है। स्थानीय खेल संघ ने भी यह कहा कि भविष्य में इन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।
काशी के लोगों का मानना है कि इन युवा एथलीट्स ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प मजबूत हो तो संसाधनों की कमी भी बड़ी उपलब्धियों के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कड़ी टक्कर
लखनऊ में आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रदेश के कई दिग्गज एथलीट्स ने हिस्सा लिया था। मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी की टीमों के बीच जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिला।
400 मीटर दौड़ और लॉन्ग जंप दोनों ही इवेंट्स में आखिरी क्षण तक नतीजा अनिश्चित था, लेकिन बनारस के खिलाड़ियों ने अपनी स्थिरता और रणनीति से जीत अपने नाम की।
पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन
दिलचस्प बात यह है कि आकांक्षा चौबे बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) की छात्रा हैं, जबकि अभिषेक यादव काशी विद्यापीठ से बीकॉम कर रहे हैं। दोनों ही खिलाड़ी अपनी पढ़ाई और खेल को साथ लेकर चल रहे हैं। आकांक्षा का कहना है कि,
“मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे प्रेरित किया। पढ़ाई के साथ खेल को प्राथमिकता देना आसान नहीं था, लेकिन जब लक्ष्य तय हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।”
अभिषेक यादव ने कहा,
“मैंने बचपन से सपना देखा था कि एक दिन राज्य स्तर पर मेडल जीतूंगा। अब मेरा अगला लक्ष्य नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल लाना है।”
बनारस के खिलाड़ियों की बढ़ती पहचान
पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं। यहां के स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटरों में लगातार सुधार हो रहा है। खेल मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं से अब खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट और ट्रेनिंग सुविधाएं मिलने लगी हैं।
यही कारण है कि वाराणसी जैसे पारंपरिक और सांस्कृतिक शहर से अब खेल प्रतिभाएं तेजी से उभर रही हैं। हाल ही में बनारस की तीरंदाज भावना सिंह और मुक्केबाज निखिल चौहान ने भी अंतरराज्यीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे।
स्थानीय प्रशासन और सरकार का समर्थन
वाराणसी के सांसद और स्थानीय अधिकारियों ने भी खिलाड़ियों को बधाई दी है। जिला खेल अधिकारी ने कहा कि जल्द ही दोनों खिलाड़ियों को “काशी गौरव सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा और उन्हें अगले स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए ट्रेनिंग कैम्प में भेजा जाएगा।
राज्य सरकार की “खेलो उत्तर प्रदेश” योजना के तहत अब वाराणसी में भी एथलेटिक्स ट्रैक और जिम सुविधाओं को और आधुनिक बनाया जाएगा।