




महिला वर्ल्ड कप 2025 अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। टूर्नामेंट में हर टीम सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। वहीं, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए अब राह थोड़ी मुश्किल हो गई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद भारत के लिए सेमीफाइनल का रास्ता पेचीदा हो गया है। टीम ने अब तक चार मुकाबलों में दो जीते और दो हारे हैं, जिससे पॉइंट टेबल पर उसकी स्थिति अनिश्चित हो गई है।
भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत जीत के साथ की थी, लेकिन बीच के मुकाबलों में लय बिगड़ गई। ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद अब टीम इंडिया को अगले सभी मैच जीतने होंगे ताकि वह अंकतालिका में शीर्ष चार में अपनी जगह बना सके।
भारत का अब तक का प्रदर्शन
भारतीय टीम ने इस वर्ल्ड कप में अब तक चार मुकाबले खेले हैं। पहले मैच में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज को मात दी। इसके बाद दूसरे मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा। तीसरे मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर सेमीफाइनल की उम्मीदें फिर जगाईं, लेकिन चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को मात देकर फिर मुश्किलें बढ़ा दीं।
वर्तमान में भारत के खाते में 4 अंक हैं और टीम पॉइंट टेबल में पांचवें स्थान पर है।
सेमीफाइनल का समीकरण कैसे बनेगा?
महिला वर्ल्ड कप में कुल आठ टीमें खेल रही हैं, जिनमें से शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें पहले से ही मजबूत स्थिति में हैं। न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका भी टॉप-4 में बने रहने की दौड़ में हैं।
भारत को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए अब कम से कम दो जीत और नेट रन रेट में सुधार की जरूरत है। यदि टीम अगले दोनों मैच बड़े अंतर से जीत जाती है, तो सेमीफाइनल का टिकट मिल सकता है। लेकिन अगर एक भी मैच हारती है, तो स्थिति पूरी तरह अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर हो जाएगी।
भारत के बचे हुए मुकाबले
भारत को अब ग्रुप स्टेज में दो मुकाबले और खेलने हैं —
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इंग्लैंड के खिलाफ (अगला मैच)
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श्रीलंका के खिलाफ (अंतिम लीग मैच)
इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबला भारत के लिए सबसे अहम होगा, क्योंकि यह टीम पॉइंट टेबल में शीर्ष पर है। अगर भारत यह मैच जीतता है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और सेमीफाइनल की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।
श्रीलंका के खिलाफ मुकाबला कागज पर आसान दिखता है, लेकिन किसी भी तरह की ढिलाई टीम के लिए भारी पड़ सकती है।
कप्तान हरमनप्रीत कौर की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा,
“यह हार हमारे लिए सीखने का मौका है। टूर्नामेंट अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें अगले दो मैच जीतने होंगे और हमें भरोसा है कि टीम वापसी करेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि टीम को मिडिल ऑर्डर में स्थिरता लानी होगी और साझेदारियों पर फोकस करना होगा, क्योंकि यही क्षेत्र पिछले कुछ मैचों में कमजोर साबित हुआ है।
बल्लेबाजी बनी भारत की कमजोरी
इस टूर्नामेंट में भारत की सबसे बड़ी चिंता रही है उसकी बल्लेबाजी। शीर्ष क्रम में स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने कभी-कभी अच्छी शुरुआत दी है, लेकिन मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फ्लॉप रहा है।
जेमिमा रॉड्रिग्स, दीप्ति शर्मा और रिचा घोष जैसी बल्लेबाजों से उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन वे लगातार रन नहीं बना पा रही हैं। परिणामस्वरूप टीम मध्य ओवर्स में लगातार विकेट गंवा देती है, जिससे स्कोरबोर्ड पर दबाव बढ़ता है।
अगर भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचना है, तो अगली दोनों पारियों में बल्लेबाजी में सुधार जरूरी है।
गेंदबाजों ने किया बेहतर प्रदर्शन
भारत की गेंदबाजी ने अब तक टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। रेणुका सिंह ठाकुर और पूजा वस्त्राकर ने नई गेंद से विपक्षी टीमों को मुश्किल में डाला है। वहीं, स्पिन विभाग में दीप्ति शर्मा और राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी लगातार सटीक गेंदबाजी की है।
हालांकि, कम स्कोर की वजह से गेंदबाजों पर अक्सर अतिरिक्त दबाव बन जाता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भी यही देखने को मिला — जब बल्लेबाजों ने सिर्फ 182 रन बनाए, तो गेंदबाजों के पास बहुत कम मार्जिन बचा।
नेट रन रेट भी बनेगा निर्णायक
सेमीफाइनल रेस में केवल जीत ही नहीं, बल्कि नेट रन रेट (NRR) भी अहम भूमिका निभाएगा। भारत का वर्तमान NRR मामूली सकारात्मक है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद इसमें गिरावट आई है।
भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अब बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी ताकि NRR सुधर सके।