




अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया जब क़तर एयरवेज़ की दोहा से आने वाली एक फ्लाइट में अचानक केबिन प्रेशर कम हो गया। इस तकनीकी खराबी के चलते विमान में फुल इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी। पायलट ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को सूचित किया और विमान को आपात स्थिति में सुरक्षित लैंड कराया गया। इस घटना के दौरान विमान में मौजूद यात्रियों में दहशत फैल गई, लेकिन एयरलाइन की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
घटना के अनुसार, यह क़तर एयरवेज़ की QR-962 फ्लाइट थी जो दोहा से मुंबई जा रही थी, लेकिन बीच में अचानक केबिन प्रेशर सिस्टम में गड़बड़ी आ गई। जैसे ही विमान के अंदर प्रेशर गिरने लगा, ऑक्सीजन मास्क अपने-आप खुल गए। यात्रियों ने बताया कि अचानक मास्क गिरने से विमान में अफरातफरी मच गई। कुछ यात्रियों को सांस लेने में परेशानी हुई, जबकि कई ने घबराहट में रोना शुरू कर दिया।
पायलट ने तुरंत समझदारी दिखाते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क साधा और अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति मांगी। ATC ने ‘फुल इमरजेंसी’ घोषित कर दी, जिसके बाद एयरपोर्ट पर फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और मेडिकल टीमों को अलर्ट पर रखा गया। विमान ने सुरक्षित रूप से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर लैंड किया।
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, फ्लाइट में लगभग 200 यात्री सवार थे। लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। किसी के घायल होने या गंभीर स्वास्थ्य नुकसान की सूचना नहीं है। अहमदाबाद एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि विमान के उतरते ही सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का पालन किया गया। विमान को तकनीकी जांच के लिए अलग क्षेत्र में खड़ा किया गया है और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
क़तर एयरवेज़ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हमारे विमान QR-962 में केबिन प्रेशर से संबंधित एक मामूली तकनीकी समस्या आई थी। सुरक्षा कारणों से पायलट ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग का निर्णय लिया। सभी यात्रियों और क्रू सदस्य सुरक्षित हैं। कंपनी ने यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था कर दी है।”
वहीं, इस घटना के बाद एयरलाइन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की जा रही है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि विमानन उद्योग में केबिन प्रेशर की समस्या दुर्लभ होती है, लेकिन ऐसी स्थिति में पायलट का निर्णय ही यात्रियों की जान बचा सकता है। यदि समय पर निर्णय न लिया जाता तो विमान के अंदर ऑक्सीजन की कमी से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।
एक वरिष्ठ एयर ट्रैफिक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही पायलट ने इमरजेंसी का संकेत भेजा, अहमदाबाद एयरपोर्ट पर इमरजेंसी प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिया गया। रनवे को अन्य उड़ानों के लिए खाली कर दिया गया, और सभी आपात सेवाएं तैयार की गईं। विमान ने सुरक्षित लैंडिंग के तुरंत बाद रनवे को खाली कर दिया ताकि किसी अन्य उड़ान में देरी न हो।
यात्रियों में से कई ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए। एक यात्री ने लिखा, “हमें लगा कि शायद कुछ बड़ा हादसा होने वाला है, लेकिन पायलट और क्रू ने शांत रहकर हमें भरोसा दिया। ऑक्सीजन मास्क खुलते ही सब कुछ बहुत डरावना लगने लगा, लेकिन लैंडिंग के बाद सब ठीक हो गया।”
यह घटना भारत में विमानन सुरक्षा पर एक बार फिर ध्यान केंद्रित करती है। पिछले कुछ महीनों में कई एयरलाइनों के विमानों में तकनीकी खराबियों के मामले सामने आए हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। DGCA ने इस घटना के बाद संबंधित इंजीनियरिंग टीमों को जांच के निर्देश दिए हैं और विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालकर विश्लेषण करने का निर्णय लिया है।
अहमदाबाद एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद एयरपोर्ट पर लगभग 45 मिनट तक आपात स्थिति लागू रही। फायर और मेडिकल टीमें पूरे समय अलर्ट पर थीं। लैंडिंग के बाद यात्रियों को मेडिकल चेकअप की सुविधा दी गई और कुछ घबराए यात्रियों को काउंसलिंग भी प्रदान की गई।
विशेषज्ञों के मुताबिक, केबिन प्रेशर लॉस की स्थिति तब पैदा होती है जब विमान की एयर सीलिंग या ऑक्सीजन रेगुलेशन सिस्टम में कोई खराबी आ जाती है। यह बेहद संवेदनशील तकनीकी मामला होता है, और ऐसी स्थिति में तुरंत निर्णय लेना पायलट के प्रशिक्षण और अनुभव पर निर्भर करता है।
इस घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं कि क्या एयरलाइंस अपने विमानों की नियमित मेंटेनेंस पर पर्याप्त ध्यान दे रही हैं। क़तर एयरवेज़ एक विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित एयरलाइन है, लेकिन इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि तकनीकी खराबी किसी भी एयरलाइन में संभव है।
फिलहाल अहमदाबाद एयरपोर्ट पर स्थिति सामान्य है और सभी उड़ानें नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। DGCA की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि प्रेशर सिस्टम में खराबी का असली कारण क्या था — तकनीकी लापरवाही या कोई अप्रत्याशित तकनीकी दोष।
इस घटना ने यात्रियों और विमानन उद्योग दोनों को एक बार फिर याद दिलाया है कि हवाई यात्रा में सुरक्षा से कोई समझौता संभव नहीं है। एयरलाइनों के लिए यह जरूरी है कि हर उड़ान से पहले सभी सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी किसी स्थिति से बचा जा सके।