




प्राया (Cape Verde)। अफ्रीकी देश केप वर्डे ने अपने फुटबॉल इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय लिख दिया है। देश की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ने 2026 फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लिया है — यह पहली बार है जब केप वर्डे वर्ल्ड कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जगह बनाने में सफल हुआ है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद राजधानी प्राया सहित पूरे देश में उत्सव का माहौल है। सड़कों पर हजारों लोग झंडे लहराते हुए, गाते-बजाते और नाचते दिखाई दिए।
यह जीत न केवल खेल के स्तर पर बल्कि एक छोटे से द्वीपीय देश के लिए आत्मसम्मान और गर्व की बात बन गई है। लगभग 6 लाख की आबादी वाला यह पश्चिम अफ्रीकी देश अब दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल मंच पर कदम रखने जा रहा है।
केप वर्डे ने निर्णायक क्वालिफाइंग मुकाबले में घाना को 2-1 से हराकर यह ऐतिहासिक टिकट हासिल किया। मैच के अंतिम क्षणों तक तनाव बना रहा, लेकिन टीम की दृढ़ता और सामूहिक प्रदर्शन ने इतिहास रच दिया। जैसे ही अंतिम सीटी बजी, खिलाड़ियों और दर्शकों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
राजधानी प्राया के नेशनल स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने इस जीत को एक राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया। देश के राष्ट्रपति जोस मारिया नेव्स ने टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह केवल एक खेल नहीं, बल्कि केप वर्डे के सपनों का साकार होना है। हमारी टीम ने दिखा दिया कि छोटे देश भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा कर सकते हैं।”
जैसे ही टीम की जीत की खबर पूरे देश में फैली, सड़कों पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी अपने देश के झंडे लहराते हुए एक स्वर में चिल्ला रहे थे – “Cape Verde to the World Cup!” राजधानी प्राया की गलियां नीले और लाल रंग की रोशनी से जगमगा उठीं। कारों के हॉर्न, ड्रम की थाप और लोगों की खुशी ने रात को एक उत्सव में बदल दिया।
अफ्रीकी फुटबॉल के इतिहास में केप वर्डे की यह उपलब्धि एक मिसाल है। कभी अफ्रीकी फुटबॉल में गुमनाम टीम मानी जाने वाली यह टीम अब विश्व स्तर पर अपना नाम दर्ज करा चुकी है। 2013 में अफ्रीका कप ऑफ नेशंस में पहली बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने के बाद से केप वर्डे की फुटबॉल यात्रा लगातार उन्नति पर रही है।
टीम के कोच पेड्रो ब्रिटो, जिन्हें प्यार से “Bubista” कहा जाता है, ने कहा, “यह हमारी मेहनत, अनुशासन और देश के लोगों के सपनों का नतीजा है। हमने साबित किया कि केप वर्डे केवल पर्यटन का देश नहीं, बल्कि फुटबॉल का भी उभरता हुआ सितारा है।”
टीम के कप्तान मारियो फर्नांडिस ने मैच के बाद भावुक होकर कहा, “जब मैंने पहली बार फुटबॉल खेलना शुरू किया था, तब कभी नहीं सोचा था कि हम एक दिन वर्ल्ड कप तक पहुंचेंगे। यह पल हमारे पूरे देश के लिए समर्पित है।”
केप वर्डे की टीम ने क्वालिफाइंग दौर में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने ग्रुप में नाइजीरिया, घाना और लाइबेरिया जैसी मजबूत टीमों को पीछे छोड़ा। यह जीत अफ्रीकी फुटबॉल में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, जहां छोटे देश भी बड़े सपने देख रहे हैं और उन्हें साकार कर रहे हैं।
2026 फीफा वर्ल्ड कप, जो अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में संयुक्त रूप से आयोजित होगा, में अफ्रीकी देशों को पहले से अधिक कोटा दिया गया है। इसी के चलते केप वर्डे को अपने प्रदर्शन से इस बार मौका मिला। लेकिन यह केवल नियति नहीं, बल्कि मेहनत, रणनीति और जज्बे की जीत है।
देश के प्रमुख शहर मिन्डेलो और सांता मारिया में भी जश्न का माहौल है। लोग पारंपरिक नृत्य “फुनाना” करते हुए जीत का जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर “#CapeVerdeInWorldCup” और “#PraiaCelebrates” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
राजनीतिक और खेल विश्लेषकों का कहना है कि यह उपलब्धि केप वर्डे की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करेगी। अफ्रीका के कई देशों में आर्थिक और संसाधन सीमाओं के बावजूद, इस टीम ने दिखाया कि दृढ़ निश्चय से कुछ भी संभव है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी केप वर्डे की इस जीत की प्रशंसा हो रही है। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फैन्टिनो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “केप वर्डे ने साबित किया कि फुटबॉल केवल बड़े देशों का खेल नहीं है। यह एक सपना है जो हर खिलाड़ी, हर देश, और हर बच्चे के लिए खुला है।”