




पश्चिम बंगाल पुलिस ने दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार किए गए पाँच आरोपियों को अपराध स्थल पर ले जाकर घटना का पुनर्निर्माण (Reconstruction of Crime) करने की योजना बनाई है। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी।
अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम घटना की सही पुनरावृत्ति और सबूतों की पुष्टि के लिए आवश्यक है, जिससे जांच और मज़बूत हो सके।
घटना का पुनर्निर्माण पारनागंज कालीबाड़ी श्मशान भूमि के समीप स्थित जंगल क्षेत्र में किया जाएगा, जो कि दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के करीब है।
पुलिस इस इलाके को क्राइम सीन के रूप में चिन्हित कर चुकी है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“हम पांचों आरोपियों को घटनास्थल पर लेकर जाएंगे और उनसे पूरी वारदात को दोहराने के लिए कहेंगे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसका क्या रोल था और अपराध कैसे अंजाम दिया गया।”
इस प्रक्रिया में क्राइम सीन की फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी, जो अदालत में सबूत के तौर पर पेश किए जा सकेंगे।
यह मामला उस समय सामने आया जब एक मेडिकल छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे कॉलेज के पास से जबरन उठाकर जंगल में ले जाया गया और पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, उसे धमकाया गया, उसका मोबाइल छीना गया और बाद में उसे गंभीर अवस्था में जंगल में छोड़ दिया गया।
पीड़िता की शिकायत पर न्यू टाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तार आरोपियों में एक निजी सुरक्षा कंपनी में कार्यरत गार्ड, एक स्वास्थ्य कर्मचारी, और तीन स्थानीय युवक शामिल हैं।
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सूत्रों के अनुसार, इनमें से कुछ आरोपी मेडिकल कॉलेज या उससे संबंधित संस्थानों से जुड़े हुए थे।
पुलिस के साथ-साथ फॉरेंसिक टीम भी अपराध स्थल पर मौजूद रहेगी। उनका कार्य होगा:
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घटनास्थल से संभावित साक्ष्यों को इकट्ठा करना
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पुनर्निर्माण के दौरान आरोपियों की गतिविधियों का परीक्षण करना
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पीड़िता के बयानों से मिलान करना
अधिकारियों ने बताया कि पुनर्निर्माण के बाद आरोपी मेडिकल परीक्षण और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरेंगे।
इस केस की सुनवाई तेज़ी से हो इसके लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना है।
पुलिस का कहना है कि इस प्रक्रिया के दौरान पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, और मीडिया को सीमित दूरी से कवर करने की अनुमति दी जाएगी।
स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू की है ताकि किसी भी प्रकार का अव्यवस्थित जमावड़ा न हो।
दुर्गापुर गैंगरेप मामले ने राज्य भर में आक्रोश फैला दिया है और महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस की ओर से लिया गया यह पुनर्निर्माण का कदम न केवल साक्ष्य संग्रहण को पुख्ता करने में सहायक होगा, बल्कि पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।