




हाल ही में केरल के परिवहन मंत्री के.बी. गणेश कुमार पर उनके काफिले के आसपास के वाहनों द्वारा लगातार तेज और आक्रामक हॉर्न बजाने के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में हाई-डेसीबल एयर हॉर्न के उपयोग पर कड़ी कार्रवाई शुरू करने की घोषणा की है।
यह घटना मंत्री के प्रति असभ्य और अनुचित व्यवहार का उदाहरण मानी जा रही है, जिसने अधिकारियों और आम जनता दोनों में भारी आक्रोश फैलाया है। मंत्री गणेश कुमार ने हाई-डेसीबल हॉर्न के दुरुपयोग को सार्वजनिक शांति और सड़क सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
“यह व्यवहार न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है बल्कि सार्वजनिक शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा।
मोटर व्हीकल्स विभाग (MVD) को निर्देश दिया गया है कि वे विशेष टीमें बनाकर पूरे राज्य में ऐसे वाहनों की पहचान करें जिनमें अवैध हाई-डेसीबल एयर हॉर्न लगे हों। जब्त किए गए हॉर्न को सार्वजनिक रूप से नष्ट किया जाएगा ताकि अन्य लोगों को यह स्पष्ट संदेश मिले कि नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विशेषज्ञों ने लंबे समय से हाई-डेसीबल हॉर्न से उत्पन्न शोर के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में आगाह किया है। अत्यधिक शोर सुनने से सुनने की क्षमता में कमी, तनाव, और हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति इससे अधिक प्रभावित होते हैं।
शोर प्रदूषण न केवल जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि यह ड्राइवर्स को विचलित करके दुर्घटनाओं को भी बढ़ावा देता है।
भारतीय मोटर व्हीकल्स अधिनियम और शोर प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के अंतर्गत, 85 डेसीबल से अधिक आवाज वाले हॉर्न का उपयोग प्रतिबंधित है। केरल सरकार की यह कार्रवाई इन नियमों को सख्ती से लागू करने का संकेत है।
सरकार ड्राइवरों और जनता के बीच शोर प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान भी चलाएगी, जिससे नियमों का पालन बढ़े।
इस सख्त कार्रवाई को केरल के नागरिकों और सड़क सुरक्षा के समर्थकों द्वारा सराहा जा रहा है। कई लोगों ने उम्मीद जताई है कि इससे सड़कें शांतिपूर्ण और सुरक्षित होंगी।
स्थानीय निवासी मीनाक्षी वर्मा ने कहा,
“यह कार्रवाई बहुत जरूरी थी। तेज हॉर्निंग से शांति भंग हो रही थी और चिंता बढ़ रही थी। उम्मीद है अब सड़कें शांतिपूर्ण होंगी।”
परिवहन मंत्री के खिलाफ हुई आक्रामक हॉर्निंग के बाद केरल सरकार की यह कड़ी कार्रवाई शोर प्रदूषण को नियंत्रित करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सख्त निगरानी और जनता के सहयोग से उम्मीद है कि सड़क यातायात में सुधार होगा और लोगों का जीवन स्वस्थ व सुरक्षित बनेगा।