




दिवाली के पर्व को लेकर राजस्थान के खाटूश्यामजी धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। पिछले 20 घंटे तक बंद रहे बाबा श्याम के पट खोलने के बाद हजारों भक्तों ने मंदिर में प्रवेश कर भगवान श्याम के दर्शन किए। दीपावली से पहले मंदिर परिसर में भव्य सजावट, दीपों की रोशनी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखे गए। भक्तों के जय-श्याम-प्रभु के उद्घोष से पूरा धाम भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ था।
इस बार का आयोजन खास इसलिए भी है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार लगभग 1500 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद खाटूश्यामजी धाम पहुंचे। उनके पहुंचने से श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में आशीर्वाद लेते हुए कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाना है, बल्कि भक्तों के साथ संवाद और स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना भी है।
खाटूश्यामजी धाम में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पुलिस और सुरक्षा बलों ने मंदिर के चारों ओर नियंत्रण बनाए रखा ताकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुरक्षित रूप से दर्शन कर सकें। इसके अलावा, स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शक टोलियों को तैनात किया।
मंदिर परिसर में फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से भव्य सजावट की गई थी। दीपों की कतारें और झिलमिलाती रोशनी ने भक्तों के अनुभव को और भी आत्मिक बना दिया। श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दरबार में लंबी कतारों में खड़े होकर दर्शन किए। दर्शनार्थियों में उत्तर भारत और अन्य राज्यों के लोग शामिल थे।
खाटूश्यामजी धाम के प्रबंधकों ने बताया कि इस बार दीपावली के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही है। इसका मुख्य कारण धार्मिक आस्था के साथ-साथ सोशल मीडिया पर खाटूश्यामजी धाम की तस्वीरों और वीडियो का व्यापक प्रचार है। भक्तों ने मंदिर परिसर में फोटो और वीडियो शेयर करते हुए अपने अनुभव को साझा किया।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने दर्शन के बाद कहा कि धार्मिक स्थलों की मर्यादा और आस्था को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने सभी भक्तों से अपील की कि वे सामाजिक दूरी और सुरक्षा नियमों का पालन करें। उनके स्वागत के लिए मंदिर प्रबंधन ने विशेष व्यवस्था की थी।
भक्तिमय माहौल के बीच प्रशासन ने सफाई और जल व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया। मंदिर में विभिन्न स्थानों पर पीने का पानी और शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी ताकि लंबे समय तक प्रतीक्षा करने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि खाटूश्यामजी धाम में दिवाली के पहले इस प्रकार का उत्साह और श्रद्धालुओं की भीड़ यह दर्शाता है कि धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी इससे लाभ मिलता है। मंदिर के आसपास के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों ने भी अपने उत्पाद और सेवाओं के माध्यम से भक्तों का स्वागत किया।
इस बार की विशेषता यह भी रही कि 1500 किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा करने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भक्तों को यह संदेश दिया कि धर्म के मार्ग पर श्रद्धा और संकल्प महत्वपूर्ण हैं। उनकी यह यात्रा सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर खूब सुर्खियां बटोर रही है।
खाटूश्यामजी धाम प्रशासन ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए मंदिर में सीसीटीवी कैमरे, त्वरित आपातकालीन सेवाएं और मार्गदर्शक व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। इसके अलावा, मंदिर की भक्तिमय गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए युवा स्वयंसेवक भी सक्रिय रूप से मदद कर रहे थे।
भक्तों के अनुसार, इस बार खाटूश्यामजी धाम की भव्य सजावट, दीपों की रोशनी और धार्मिक कार्यक्रमों ने उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा और सुख-शांति का अनुभव कराया। उन्होंने बताया कि बाबा श्याम के दर्शन से उन्हें मानसिक शांति और आशा मिली है।
समापन में, यह कहा जा सकता है कि दिवाली से पहले खाटूश्यामजी धाम में भक्तों की इतनी बड़ी भीड़ और उत्साह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक-सांस्कृतिक समरसता और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है। इस वर्ष मुख्यमंत्री नितीश कुमार की लंबी पैदल यात्रा और दर्शन ने इस धार्मिक यात्रा को और भी विशेष और यादगार बना दिया है।