




महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission – SEC) ने भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) से आग्रह किया है कि राज्य में प्रस्तावित स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision – SIR) को आगामी जनवरी 2026 तक के लिए स्थगित कर दिया जाए। इस मांग के पीछे मुख्य कारण राज्य में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चुनावी कर्मियों की व्यस्तता और संसाधनों का अभाव बताया गया है।
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक व्यापक मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा की जाती है। इसमें नए मतदाताओं का पंजीकरण, मृतक या अयोग्य मतदाताओं को हटाना, और नामों में सुधार जैसी कई गतिविधियां शामिल होती हैं। यह प्रक्रिया चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
महाराष्ट्र में वर्तमान समय में नगर निगम, पंचायत, और अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में लगे अधिकारी और कर्मचारी मतदाता सूची संशोधन और चुनावी प्रक्रियाओं के लिए नियोजित हैं। इसी कारण से SIR को ठीक प्रकार से संचालित करना फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा है।
राज्य चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची का विभाजन (Bifurcation of electoral rolls) भी इस समय चल रहा है, जिसके कारण चुनाव कर्मचारियों पर दवाब और बढ़ गया है। इन सभी कारणों से SIR की प्रक्रिया को स्थगित करना आवश्यक हो गया है ताकि चुनावी प्रक्रिया पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।
राज्य चुनाव आयोग ने ECI से आग्रह किया है कि वह इस स्थिति को समझते हुए जनवरी 2026 तक SIR को स्थगित करने की अनुमति प्रदान करें। इसके बाद जब स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे और चुनावी कर्मी उपलब्ध होंगे, तब SIR की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा।
चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, मतदाता सूची की साफ-सफाई और अपडेट होना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। हालांकि, चुनावी कर्मचारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसलिए जब वे किसी चुनाव में व्यस्त हों तो ऐसी प्रक्रियाओं को स्थगित करना व्यावहारिक और सही निर्णय होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय निकाय चुनाव एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें लगी पूरी टीम की व्यस्तता को देखते हुए यह निर्णय उचित है। इससे मतदाता सूची के सुधार में त्रुटि की संभावना कम होगी और चुनाव में पारदर्शिता बनी रहेगी।
अब चुनाव आयोग की ओर से इस अनुरोध पर विचार किया जाएगा। यदि आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो महाराष्ट्र में SIR की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की योजना जनवरी 2026 के बाद बनेगी।
इससे पहले महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने कई बार मतदाता सूची की समीक्षा और संशोधन किया है, जो चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों के चलते फिलहाल इस प्रक्रिया को स्थगित करना प्रशासनिक दृष्टिकोण से बेहतर होगा।
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा SIR स्थगित करने की मांग राज्य में चुनावी प्रक्रियाओं को व्यवस्थित और सुचारू रूप से चलाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम न केवल चुनावी कर्मियों के संसाधनों के उचित उपयोग को सुनिश्चित करता है, बल्कि मतदाता सूची में त्रुटियों से बचाव भी करता है।