• Create News
  • Nominate Now

    तालिबान से बातचीत: भारत-अफगानिस्तान संबंधों की नई दिशा

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    भारत और तालिबान के बीच लंबे समय से रुकी बातचीत में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारत का दौरा किया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। यह दौरा न केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा खतरे और रणनीतिक निवेश की रक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत निर्णायक माना जा रहा है।

    यह यात्रा तब संभव हो पाई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ने मुत्ताकी के यात्रा प्रतिबंध पर अस्थायी छूट दी। गौरतलब है कि आमिर खान मुत्ताकी 2001 से प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल हैं। इसके बावजूद, भारत ने उनके दौरे का गरमजोशी से स्वागत किया, जो एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अब तालिबान से संवाद बढ़ाने को तैयार है।

    भारत ने अफगानिस्तान में वर्षों से विकास परियोजनाओं में भारी निवेश किया है — सड़क निर्माण, अस्पताल, जल आपूर्ति योजनाएं आदि। तालिबान के सत्ता में आने के बाद इन परियोजनाओं पर संकट मंडराने लगा था। ऐसे में भारत को तालिबान से संवाद स्थापित करना मजबूरी भी है और रणनीति भी।

    तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध भारत को अफगान क्षेत्र में बढ़ते आतंकी खतरों से भी बचा सकते हैं। यह बात उल्लेखनीय है कि तालिबान सरकार ने आश्वासन दिया है कि अफगान भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा — यह उस रवैये से बिल्कुल उलट है जो 2001 से 2021 के बीच देखने को मिला था, जब भारत की परियोजनाओं और दूतावासों को निशाना बनाया गया।

    भारत का यह कदम क्षेत्रीय भू-राजनीति के लिहाज से भी अहम है। रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों ने पहले ही तालिबान से संवाद शुरू कर दिया है। भारत यदि इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है तो उसे भी जमीनी हकीकत को स्वीकार करते हुए तालिबान से बातचीत करनी होगी

    इस यात्रा के बाद भारत ने यह घोषणा की है कि काबुल में भारतीय दूतावास को अब “तकनीकी मिशन” से आगे बढ़ाकर पूर्ण राजनयिक मिशन में बदला जाएगा। इससे संकेत मिलता है कि भारत अब धीरे-धीरे तालिबान सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है — हालांकि अभी तक केवल रूस ने तालिबान को औपचारिक मान्यता दी है।

    भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवता आधारित सहायता की भी घोषणा की है। इसमें अस्पतालों का निर्माण, दवाओं की आपूर्ति, खाद्य सहायता और व्यापार को बढ़ावा देने की पहल शामिल है। साथ ही दोनों पक्षों ने “एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान” करने की बात कही है — जो एक बार फिर पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष संदेश माना जा रहा है।

    भले ही भारत और तालिबान के बीच रिश्तों में यह नया अध्याय खुल रहा हो, लेकिन विश्वास की कमी अभी भी एक बड़ी बाधा है। भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि तालिबान अभी भी कई आतंकी गुटों के साथ सहानुभूति या संपर्क बनाए हुए है, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा जैसे समूह शामिल हैं।

    ऐसे में भारत को दोहरे स्तर पर रणनीति अपनानी होगी — एक ओर तालिबान से संवाद और सहयोग, वहीं दूसरी ओर सतर्क निगरानी और खुफिया तैयारी

    भारत का अगला कदम तालिबान सरकार को मान्यता देने का हो सकता है, पर यह एक राजनयिक और नैतिक चुनौती है। तालिबान की सरकार महिलाओं के अधिकारों, लोकतंत्र, और मानवाधिकारों के मसलों पर अभी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कसौटी पर खरी नहीं उतरती।

    इसलिए भारत को सतर्कता के साथ संतुलन साधना होगा — अपने हितों की रक्षा करते हुए नैतिक जिम्मेदारी को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

    भारत का तालिबान से संवाद शुरू करना राजनीतिक यथार्थ को स्वीकार करने की दिशा में उठाया गया एक व्यावहारिक कदम है। यह भारत की रणनीतिक मजबूरी, निवेश की रक्षा, सुरक्षा चिंताओं और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए जरूरी हो गया था। लेकिन यह कदम भरोसे और नैतिकता के बीच संतुलन बनाने की मांग करता है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    अमेरिका या चीन? अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ने वालों पर भारत का करारा सवाल, राजनाथ सिंह बोले- ‘अब सुधार का वक्त आ गया है’

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारत की दृढ़ और संतुलित विदेश नीति…

    Continue reading
    AICC ने DCC प्रमुखों के दूसरे कार्यकाल पर लगाई रोक, लागू किए नए पात्रता नियम

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) ने पार्टी संगठन में बदलाव और सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *