




आज के दौर में जहां युवा नौकरी के लिए संघर्ष करते हैं, वहीं लखनऊ के अमन गुप्ता ने यह साबित कर दिया है कि अगर सोच बड़ी हो और मेहनत सच्ची, तो सफलता खुद कदम चूमती है। अमन की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक आम मध्यमवर्गीय परिवार से की और मात्र 10 लाख रुपये की पूंजी के साथ ऐसा बिजनेस शुरू किया, जो आज 50 करोड़ रुपये के पार पहुँच चुका है।
अमन गुप्ता का सपना था कि वे खुद का कुछ ऐसा करें जिससे न सिर्फ उन्हें आर्थिक आजादी मिले, बल्कि वे दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर सकें। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक प्राइवेट कंपनी में काम किया, लेकिन मन में हमेशा कुछ अपना करने की इच्छा थी। इसी इच्छा ने उन्हें 2017 में अपने छोटे से स्टार्टअप की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया।
शुरुआत में अमन ने अपने व्यवसाय की नींव “डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स कंसल्टिंग” क्षेत्र में रखी। उनके पास बड़े संसाधन नहीं थे, लेकिन उनके पास एक बड़ा सपना था — भारत के छोटे कारोबारियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थापित करने में मदद करना। उन्होंने देखा कि उत्तर प्रदेश और आस-पास के शहरों में बहुत से लोग बिजनेस तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डिजिटल मार्केटिंग का ज्ञान नहीं है। इसी गैप को उन्होंने अवसर में बदल दिया।
अमन गुप्ता की कंपनी ने छोटे व्यापारियों के लिए वेबसाइट डिजाइनिंग, ऑनलाइन ब्रांड प्रमोशन, सोशल मीडिया हैंडलिंग और ई-कॉमर्स लिस्टिंग जैसी सेवाएँ शुरू कीं। शुरुआत में यह काम केवल तीन लोगों की टीम से हुआ। कुछ महीनों में उनकी मेहनत रंग लाने लगी — ग्राहकों की संख्या बढ़ी, टीम बड़ी हुई और कारोबार तेजी से फैलने लगा।
2020 में जब कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा, तब ज्यादातर व्यवसाय ठप पड़ गए। लेकिन अमन ने इस चुनौती को अवसर में बदला। उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल रूप से सक्रिय रहने में मदद की। उनकी कंपनी ने सैकड़ों दुकानदारों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा। यही वह मोड़ था जिसने उनके कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
साल 2022 तक आते-आते अमन की कंपनी का टर्नओवर 20 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और उन्होंने अपना दायरा दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों तक बढ़ा लिया। आज अमन गुप्ता की कंपनी 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रही है और देश भर के 1,000 से अधिक क्लाइंट्स के साथ काम कर रही है।
अमन का कहना है कि उन्होंने कभी पैसों को लक्ष्य नहीं बनाया, बल्कि ग्राहक संतुष्टि को अपना उद्देश्य रखा। उनका मानना है — “अगर आप अपनी सेवाओं में ईमानदारी और गुणवत्ता रखते हैं, तो सफलता देर से सही लेकिन निश्चित रूप से मिलती है।”
उनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ी ताकत उनकी डिजिटल सोच रही है। उन्होंने पारंपरिक बिजनेस मॉडल को तकनीक से जोड़ा और बाजार की जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल लिया। उनके मुताबिक, “हर व्यवसाय को डिजिटल दिशा में बढ़ना ही होगा। यही आने वाले समय की सबसे बड़ी जरूरत है।”
आज अमन गुप्ता न केवल एक सफल उद्यमी हैं बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। वे विभिन्न कॉलेजों और बिजनेस सेमिनारों में जाकर छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका संदेश है — “स्टार्टअप शुरू करने के लिए बड़े पैसे की जरूरत नहीं होती, बस बड़ा विजन चाहिए। अगर आप समाज की किसी समस्या का हल ढूंढ सकते हैं, तो वही आपका बिजनेस आइडिया बन सकता है।”
अमन का लक्ष्य अब अपनी कंपनी को ग्लोबल स्तर पर ले जाना है। वे एशियाई और मिडल ईस्ट मार्केट में विस्तार की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही, वे “स्टार्टअप यूपी” पहल के साथ जुड़कर राज्य के अन्य युवाओं को उद्यमिता सिखाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
लखनऊ के इस युवा की कहानी यह सिखाती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ा जाए, तो सफलता को हासिल करना असंभव नहीं है। अमन गुप्ता आज उस कहावत को साकार करते हैं — “अगर इरादे मजबूत हों, तो किस्मत भी मेहनत के आगे झुक जाती है।”
आज जब लोग अमन से पूछते हैं, “क्या करता है भाई?”, तो उनका जवाब होता है — “मैं सपनों को हकीकत में बदलता हूँ।” और सच में, उन्होंने ऐसा करके दिखाया भी है।