




तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने शुक्रवार को अपना 54वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक मनाया। इस अवसर पर पार्टी महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण कर समारोह की शुरुआत की और आगामी 2026 विधानसभा चुनाव में पार्टी की विजय का विश्वास व्यक्त किया।
AIADMK का यह स्थापना दिवस न केवल राजनीतिक प्रतीक था, बल्कि यह पार्टी के भविष्य की दिशा और दृष्टिकोण को दर्शाने वाला मंच भी बन गया। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में समारोह में शामिल हुए।
ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में श्री पलानीस्वामी ने कहा:
“जब भी तमिलनाडु की जनता के साथ अन्याय हुआ, AIADMK ही वह पार्टी रही जिसने सबसे पहले उनकी आवाज बुलंद की। यह परंपरा हम आगे भी जारी रखेंगे।”
उन्होंने कहा कि जयललिता और एम.जी. रामचंद्रन द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए पार्टी ने सदैव जनता को प्राथमिकता दी है, और 2026 में एक बार फिर सरकार बनाकर जनता की सेवा की जाएगी।
समारोह के दौरान पार्टी की एक नई प्रिंट पत्रिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें AIADMK की उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं और सामाजिक मुद्दों पर पार्टी की राय को प्रमुखता दी गई है
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता के.पी. मुनुसामी, डिंडीगुल सी. श्रीनिवासन और डी. जयकुमार सहित कई अन्य नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने और आम जनता से सीधा जुड़ाव बढ़ाने की अपील की।
AIADMK की स्थापना 17 अक्टूबर 1972 को प्रसिद्ध अभिनेता और नेता एम. जी. रामचंद्रन (एमजीआर) ने की थी। उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) से अलग होकर नई पार्टी बनाई, जिसका उद्देश्य सामाजिक न्याय, गरीबों की भलाई और तमिल संस्कृति की रक्षा करना था।
बाद में जयललिता, जिन्हें “अम्मा” के नाम से जाना जाता है, पार्टी की सबसे प्रभावशाली नेता बनीं और कई बार सत्ता में वापसी की। उनके नेतृत्व में AIADMK ने कई सामाजिक कल्याण योजनाएं लागू कीं, जिनका लाभ आज भी राज्य की जनता उठाती है।
AIADMK वर्तमान में विपक्ष की भूमिका में है, लेकिन 2026 के विधानसभा चुनावों को लक्ष्य बनाकर अभी से तैयारियों में जुट गई है। पार्टी का मुख्य एजेंडा है:
-
DMK सरकार की कथित विफलताओं को उजागर करना
-
महंगाई, बिजली संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरना
-
महिला सुरक्षा और शिक्षा सुधार को चुनावी मुद्दा बनाना
AIADMK नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि पार्टी अब सोशल मीडिया, ग्राउंड लेवल प्रचार और युवा कार्यकर्ताओं की भागीदारी से चुनावी रणनीति को मजबूती देगी।
-
पार्टी मुख्यालय को झंडों और पोस्टरों से सजाया गया।
-
एमजीआर और जयललिता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
-
तमिलनाडु के कई जिलों में स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सेवा शिविर, भोजन वितरण, और रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया।
AIADMK ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी स्थापना दिवस का लाइव प्रसारण किया और एक नई सोशल मीडिया अभियान श्रृंखला की शुरुआत की — “AIADMK फिर से”, जिसके माध्यम से युवाओं और पहली बार मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
AIADMK का 54वां स्थापना दिवस केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी का भी संकेत था। पार्टी नेतृत्व ने एकजुटता का संदेश दिया और यह स्पष्ट किया कि 2026 का विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए निर्णायक होगा।