• Create News
  • Nominate Now

    असम सरकार ज़ुबिन गर्ग मौत मामले की सुनवाई के लिए फास्ट‑ट्रैक कोर्ट की मांग करेगी, विशेष अभियोजक नियुक्त

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    असम सरकार ने प्रसिद्ध गायक ज़ुबिन गर्ग की संदिग्ध मौत के मामले में शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार गुवाहाटी हाई कोर्ट से अनुरोध करेगी कि इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट‑ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। इसके साथ ही एक विशेष सार्वजनिक अभियोजक (Special Public Prosecutor) की भी नियुक्ति की जाएगी, जो मामले की पैरवी पूरी तरह से विशेष रूप से करेगा।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार का उद्देश्य इस संवेदनशील और जनभावनाओं से जुड़े मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि SIT (Special Investigation Team) की जांच लगभग पूर्ण होने के करीब है और नवंबर के अंत तक आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया जाएगा।

    सरमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हम इस केस की सुनवाई को तेज करना चाहते हैं। जनता को न्याय की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। एक बार चार्जशीट दाखिल होने के बाद हम कोर्ट से आग्रह करेंगे कि इस पर फास्ट‑ट्रैक ट्रायल हो।”

    मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में एक विशेष अभियोजक नियुक्त किया जाएगा, जिसे राज्य के एडवोकेट जनरल की सलाह के बाद चुना जाएगा। यह अभियोजक चार्जशीट दाखिल होने से लेकर न्यायालय के अंतिम निर्णय तक मामले की पूरी निगरानी और पैरवी करेगा।

    सरमा ने यह भी कहा कि सरकार इस मामले को कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत पूरी पारदर्शिता से आगे बढ़ाएगी।

    ज़ुबिन गर्ग की मौत सिंगापुर में हुई थी, इसलिए असम सरकार ने SIT टीम को सिंगापुर भेजने का भी फैसला किया है। टीम वहां स्थानीय अधिकारियों से सहयोग प्राप्त करेगी और जरूरी फॉरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, मेडिकल दस्तावेज़, आदि इकट्ठा करेगी ताकि जांच को मजबूती मिले।

    राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ज़ुबिन गर्ग की स्मृति में एक श्रद्धांजलि स्थल या संगीत संग्रहालय तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक 11 सदस्यीय समिति बनाई गई है जिसमें उनके परिवार के सदस्य, संगीतकार और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति तय करेगी कि ज़ुबिन गर्ग की स्मृति को किस रूप में संरक्षित किया जाए।

    भारत में न्यायिक प्रक्रियाओं की गति अक्सर धीमी रही है, जिससे न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं। ऐसे में सरकार का यह प्रयास सराहनीय है कि वह एक उच्च-प्रोफाइल मामले को शीघ्र निपटारे के लिए फास्ट‑ट्रैक कोर्ट में ले जाना चाहती है।

    हालांकि, न्याय की शीघ्रता में निष्पक्षता और प्रमाणिकता बनी रहना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए विशेष अभियोजक की नियुक्ति और SIT की रिपोर्ट का प्रभावी और निष्पक्ष होना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा।

    ज़ुबिन गर्ग जैसे लोकप्रिय और सम्मानित कलाकार की असमय मौत ने पूरे राज्य को शोक और संदेह की स्थिति में ला दिया है। जनता यह जानना चाहती है कि क्या यह एक स्वाभाविक घटना थी या इसके पीछे कोई साजिश है। सरकार का यह कदम – फास्ट‑ट्रैक कोर्ट की मांग और विशेष अभियोजक की नियुक्ति – इस दिशा में उम्मीद जगाता है कि न्याय शीघ्र मिलेगा।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    हम न रुकेंगे, न धीमे होंगे… एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में पीएम मोदी ने दिया भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा संदेश

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में भारत की आर्थिक शक्ति और वैश्विक स्थिति पर एक…

    Continue reading
    हाथ में संविधान, जमीन पर गन… छत्तीसगढ़ में 210 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर इतिहास की गवाह बनी जब शुक्रवार को 210 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया।…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *