




ईरान ने शुक्रवार को लेबनान पर इजरायली हवाई हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए इसे एक “संघर्ष विराम का स्पष्ट उल्लंघन” करार दिया। ईरानी विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई को न केवल एक अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया, बल्कि इसे क्षेत्रीय अस्थिरता को और भड़काने वाला कदम भी कहा।
इजरायल ने दावा किया कि उसने दक्षिणी लेबनान में स्थित हिज़्बुल्लाह और सहयोगी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया। हालांकि, स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में एक आम नागरिक की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए।
हमला दक्षिणी लेबनान के Msayleh और Najjariyah के बीच के इलाके में हुआ, जो हिज़्बुल्लाह का मजबूत गढ़ माना जाता है। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने बताया कि हमला “इंजीनियरिंग गतिविधियों” पर केंद्रित था, जिसमें कथित तौर पर सीमा के पास सुरंग और हथियार जमा किए जा रहे थे।
हालांकि, लेबनानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस दावे को नकारते हुए बताया कि हमला एक निर्माण स्थल पर किया गया था, जहां आम नागरिक काम कर रहे थे। मृतक की पहचान एक सीरियाई नागरिक के रूप में की गई है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनअनी ने इस हमले को “मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों के खिलाफ हमला” बताया। उन्होंने कहा:
“इजरायल द्वारा किया गया यह हवाई हमला संघर्ष विराम का उल्लंघन है और इससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा। यह लेबनान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है।”
कनअनी ने अमेरिका और फ्रांस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये दोनों देश, जो संघर्ष विराम के गारंटर माने जाते हैं, इजरायल को रोकने में असफल रहे हैं।
हालांकि अब तक संयुक्त राष्ट्र (UN) या यूरोपीय संघ (EU) की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कई विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे हमले जारी रहते हैं, तो यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध को जन्म दे सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला गुप्त खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया होगा, लेकिन इसका प्रभाव पूरे क्षेत्र में अस्थिरता ला सकता है। मध्य पूर्व पहले ही गाजा-इजरायल संघर्ष और सीरिया संकट जैसे तनावों से जूझ रहा है।
इजरायल का कहना है कि यह हमला आत्मरक्षा के तहत किया गया है। इजरायली सेना ने बयान में कहा:
“हमले उन ठिकानों पर किए गए, जहां से हमारे क्षेत्रों पर हमलों की योजना बनाई जा रही थी। हमारा मकसद नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, लेकिन हिज़्बुल्लाह आम नागरिकों के बीच अपने संसाधन छुपा कर उन्हें ढाल बना रहा है।”
लेबनान आधारित आतंकवादी संगठन हिज़्बुल्लाह ने अभी तक आधिकारिक जवाब नहीं दिया है, लेकिन उसके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इजरायल को “जवाब देने” की चेतावनी दी है।
पिछले कुछ महीनों में हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं, लेकिन संघर्ष विराम के बाद यह पहली बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है।
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लेबनान पहले ही आर्थिक संकट और राजनैतिक अस्थिरता से जूझ रहा है।
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इजरायल में आने वाले हफ्तों में चुनाव होने हैं, जिससे इस तरह की सैन्य कार्रवाईयों का घरेलू राजनीति पर प्रभाव पड़ सकता है।
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ईरान और इजरायल के बीच चल रहे अप्रत्यक्ष टकराव को यह हमला और गहरा कर सकता है।
लेबनान पर इजरायल के इस ताजा हमले और ईरान की तीव्र प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि मध्य पूर्व एक बार फिर तनाव के शिखर पर पहुंच रहा है। यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।