




भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन कार्यक्रम को मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक प्लांट में निर्मित LCA तेजस Mk1A ने अपनी पहली सफल उड़ान पूरी की। यह उड़ान भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
HAL के अधिकारियों के अनुसार, तेजस Mk1A ने अपनी पहली उड़ान नासिक हवाई अड्डे से भरी। यह उड़ान लगभग 40 मिनट तक चली, जिसमें विमान ने सभी उड़ान संबंधी मानकों और तकनीकी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास किया।
यह Mk1A संस्करण, पिछले तेजस Mk1 से कई मायनों में उन्नत है और इसमें उन्नत रडार, ईवीआईओनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और एयर-टू-एयर मिसाइल क्षमता जैसी कई नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने HAL के नासिक प्लांट में दो महत्वपूर्ण उत्पादन लाइनों का उद्घाटन किया:
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तेजस Mk1A की तीसरी उत्पादन लाइन
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HTT-40 ट्रेनर विमान की दूसरी उत्पादन लाइन
रक्षा मंत्री ने उद्घाटन के बाद कहा,
“आज का दिन भारत की रक्षा स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर है। HAL और DRDO ने मिलकर जो उपलब्धि हासिल की है, वह देश की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रमाण है।”
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बहुउद्देशीय (Multirole) लड़ाकू विमान, जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है।
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भारतीय वायुसेना के लिए डिज़ाइन किया गया, जिससे पुराने विमानों की जगह ली जा सके।
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इसमें AESA रडार, डिजिटल कॉकपिट, और स्वदेशी मिशन कंप्यूटर का उपयोग किया गया है।
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यह विमान पूरी तरह से स्वदेशी है, जिससे भारत को विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम होगी।
HTT-40 एक बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट है जिसे HAL ने भारतीय वायुसेना की ट्रेनिंग जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया है। यह विमान नए पायलटों को शुरुआती प्रशिक्षण देने में सक्षम है और इसका दूसरा उत्पादन प्लांट अब चालू कर दिया गया है।
तेजस Mk1A की उत्पादन गति तेज होने से भारतीय वायुसेना को अपने बेड़े को आधुनिक और प्रभावी बनाने में सहायता मिलेगी। तेजस Mk1A न केवल एक लड़ाकू विमान है, बल्कि यह भारत की रक्षा औद्योगिक क्रांति का प्रतीक भी बन चुका है।
HAL के चेयरमैन सी.बी. अनुप्रकाश ने कहा,
“तेजस Mk1A की पहली सफल उड़ान, हमारे इंजीनियरों की कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भर भारत की सोच का परिणाम है। हम जल्द ही इन विमानों की श्रृंखला उत्पादन शुरू करेंगे।”
स्वदेशी तकनीक से बने तेजस Mk1A के सफल परीक्षण और उत्पादन से भारत ने वैश्विक रक्षा बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। कई देशों ने इस विमान में रुचि दिखाई है और भविष्य में इसके निर्यात की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
भारत के लिए यह एक गर्व का क्षण है जब उसकी घरेलू तकनीक और उत्पादन क्षमता इतने बड़े स्तर पर सामने आ रही है। LCA तेजस Mk1A की सफल उड़ान और नई उत्पादन लाइन का उद्घाटन यह दर्शाता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता के रूप में उभर रहा है।