




ओडिशा के नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान में राजनीतिक तापमान चरम पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने एक जनसभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर तंज कसते हुए उन पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया। इस बयान के बाद चुनावी क्षेत्र में राजनीतिक बहस और तेज हो गई है, जिससे उपचुनाव के माहौल में और भी गर्माहट आ गई है।
नुआपाड़ा जिले में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक चुनाव के दौरान जनता से जो वादे करते हैं, वे केवल चुनाव जीतने तक सीमित रह जाते हैं। उन्होंने कहा, “नवीन पटनायक चुनाव में झूठे वादे करते हैं और जब चुनाव खत्म हो जाते हैं, तो वे उन वादों को आराम से भुला जाते हैं। यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है।”
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनकी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने मुख्यमंत्री के इस बयान की कड़ी निंदा की है। BJD के प्रवक्ता ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार और राजनीति करने की एक कोशिश है। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने हमेशा ओडिशा के विकास के लिए काम किया है और उनके कार्यों से जनता संतुष्ट है।
नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव को राज्य की राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस चुनाव का परिणाम आगामी मुख्य विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकता है। कई राजनीतिक दल इसे अपनी ताकत दिखाने का अवसर मान रहे हैं।
राजनीतिक दल नुआपाड़ा के विकास, कृषि, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर भी चुनावी प्रचार कर रहे हैं। किसान समस्याओं, जल संकट, सड़क निर्माण, और रोजगार सृजन को प्रमुखता दी जा रही है। स्थानीय मतदाता इन मुद्दों पर राजनीतिक दलों से ठोस कदम की उम्मीद कर रहे हैं।
हालांकि चुनाव प्रचार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, प्रशासन ने चुनावी हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को पूरी सतर्कता के साथ तैनात किया गया है ताकि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
स्थानीय मतदाता राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से कुछ हद तक निराश हैं। कई लोग चाहते हैं कि चुनाव केवल विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहे। युवा और महिलाओं में मतदान के प्रति उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन वे चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो।
ओडिशा के नुआपाड़ा उपचुनाव में राजनीतिक नेताओं के बीच जारी बयानबाजी ने चुनावी माहौल को गरम कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन माझी और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीच तकरार इस उपचुनाव की राजनीति को नई दिशा दे रही है। अब जनता की नजरें चुनाव के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्नता पर टिकी हैं।