




उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास और हेल्थकेयर सेक्टर को नई दिशा देने जा रहा है यमुना सिटी का मेडिकल डिवाइस पार्क, जो आने वाले समय में देशभर के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के निर्माण का केंद्र बनेगा। ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी इलाके में विकसित किया जा रहा यह पार्क अब अपने अगले चरण में प्रवेश कर चुका है। परियोजना के तहत 114 करोड़ 93 लाख रुपये की लागत से एक आधुनिक चार मंजिला फ्लैटेड फैक्ट्री बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य की जिम्मेदारी अभिलाषा एंटरप्राइजेज को सौंपी गई है और उम्मीद है कि अगले 15 दिनों में कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
यमुना सिटी का मेडिकल डिवाइस पार्क उत्तर भारत के सबसे बड़े और उन्नत हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों में से एक बनने की ओर अग्रसर है। इस पार्क की योजना यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) द्वारा तैयार की गई है। इसका उद्देश्य देश में चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम करना और स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देना है।
यह परियोजना न केवल क्षेत्र की औद्योगिक छवि को मजबूत करेगी, बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी। यहां बनने वाली फैक्ट्रियों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस मशीनें और अनुसंधान प्रयोगशालाएं होंगी, जो ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुसार उपकरणों का उत्पादन करेंगी।
जानकारी के अनुसार, इस फ्लैटेड फैक्ट्री बिल्डिंग में कई इकाइयों को स्थापित किया जाएगा, जिनमें मेडिकल डिवाइस निर्माण, पैकेजिंग, गुणवत्ता जांच, अनुसंधान और परीक्षण से जुड़ी सुविधाएं होंगी। भवन को आधुनिक ऊर्जा-बचत तकनीक के अनुरूप डिजाइन किया गया है, जिसमें सोलर पैनल्स, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और इको-फ्रेंडली वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम शामिल होंगे।
परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से और गुणवत्ता मानकों के साथ किया जाएगा। अभिलाषा एंटरप्राइजेज ने पहले भी कई औद्योगिक परियोजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और अब इस महत्वाकांक्षी मेडिकल डिवाइस पार्क में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देगी।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस पार्क के निर्माण से देश में चिकित्सा उपकरणों की लागत में कमी आएगी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के बाद ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक मानचित्र पर भी अपनी पहचान बनाएंगे। यहां निर्मित उपकरणों में सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स, डायग्नोस्टिक मशीनें, हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम, इम्प्लांट्स और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ डिवाइस शामिल होंगे।
इसके साथ ही, पार्क में एक समर्पित ट्रेनिंग और रिसर्च सेंटर भी विकसित किया जाएगा, जहां युवा इंजीनियर्स और तकनीशियनों को मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़ी आधुनिक शिक्षा दी जाएगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के साथ तकनीकी सशक्तिकरण का अवसर मिलेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, परियोजना की कुल अवधि लगभग 24 महीने तय की गई है। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद, सभी मंजिलों पर चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक इकाइयों को स्थापित किया जाएगा। बिल्डिंग के अंदर मॉड्यूलर स्पेस डिज़ाइन रखा जाएगा, जिससे छोटी और बड़ी दोनों कंपनियां अपने संचालन के अनुसार जगह किराए पर ले सकें।
यह पार्क न केवल उद्योगों के लिए, बल्कि पर्यावरण के लिए भी संतुलित दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। इसके निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट को अपनाया गया है, जिससे ऊर्जा की बचत और कार्बन उत्सर्जन में कमी सुनिश्चित होगी।
यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए प्रमुख माना जाता है। यहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी प्रोजेक्ट, डेटा सेंटर पार्क और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब जैसी परियोजनाएं चल रही हैं। अब मेडिकल डिवाइस पार्क जुड़ने से यह क्षेत्र देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टर्स में से एक बन जाएगा।
इस पार्क में काम करने वाले उद्यमियों को सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जैसे टैक्स में रियायतें, आसान लीज नीति, और आवश्यक मंजूरियों में सिंगल-विंडो सुविधा। ये सभी उपाय भारत को मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होंगे।
परियोजना के प्रारंभिक चरण में करीब 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर सृजित होने की उम्मीद है। वहीं, भविष्य में यहां स्थापित होने वाले उद्योगों से स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) भी विकसित होगी, जिससे उत्तर प्रदेश के कई जिलों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक इतिहास में यह मेडिकल डिवाइस पार्क एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के लिहाज से भी प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।
यमुना सिटी के इस प्रोजेक्ट से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार और औद्योगिक प्राधिकरण प्रदेश को भारत का मेडिकल टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। अगले दो वर्षों में जब यह मेडिकल डिवाइस पार्क पूरी तरह तैयार होगा, तब यह न केवल ग्रेटर नोएडा, बल्कि पूरे देश के लिए हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन जाएगा।