




देशभर में जहां दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों के साथ मनाया जा रहा है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बार भी अपनी वर्षों पुरानी परंपरा को निभाते हुए त्योहार देश के जवानों के साथ मनाया। इस बार पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ INS विक्रांत पर दिवाली मनाई और रात वहीं बिताई।
प्रधानमंत्री ने कहा —
“मैं आज आपकी सांसों, आपकी धड़कनों को महसूस कर रहा हूं। आपके साहस और समर्पण के आगे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है।”
INS विक्रांत पर दिवाली की रौनक
आईएनएस विक्रांत, जो भारत का पहला स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर है, इस बार रोशनी और देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ था। दीपों और राष्ट्रीय ध्वज से सजा यह विशाल जहाज समुद्र की लहरों के बीच देश की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया था।
पीएम मोदी यहां नौसेना के अधिकारियों और सैनिकों से मिले, उनके साथ भोजन साझा किया और कई जवानों के परिवारों से भी बातचीत की। उन्होंने जहाज के इंजन कंट्रोल रूम, ऑपरेशन डेक और फ्लाइट हैंगर का निरीक्षण भी किया।
पीएम मोदी ने कहा – जवानों का त्याग ही देश की सुरक्षा की नींव
प्रधानमंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा —
“जब पूरा देश दीपों की रोशनी में अपने घरों में उत्सव मना रहा है, तब आप लोग समुद्र की लहरों के बीच, सीमाओं पर और चौकियों पर देश की रक्षा में डटे हुए हैं। आप सभी की यह निष्ठा और त्याग ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है।”
उन्होंने कहा कि हर दिवाली वे सैनिकों के बीच समय बिताकर ऊर्जा और प्रेरणा पाते हैं। पीएम ने बताया कि जब वे जवानों की आंखों में जोश और देशप्रेम देखते हैं, तो उन्हें विश्वास होता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित है।
‘सशस्त्र बलों की परंपरा को आगे बढ़ाते रहेंगे’
प्रधानमंत्री मोदी 2014 से लगातार हर साल दिवाली देश के किसी न किसी मोर्चे पर जवानों के साथ मनाते आ रहे हैं — कभी लद्दाख में, कभी राजस्थान के सरहदों पर, तो कभी अरुणाचल और कश्मीर घाटी में।
इस बार उन्होंने नौसेना के साथ दिवाली मनाने का फैसला लेकर एक नया संदेश दिया — कि भारत की सुरक्षा केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि समुद्र से लेकर आकाश तक फैली हुई है।
उन्होंने कहा —
“सेना, नौसेना और वायुसेना — ये तीनों हमारे राष्ट्र के गर्व के स्तंभ हैं। आपका पराक्रम ही भारत को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाता है।”
INS विक्रांत का गौरव: आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
INS विक्रांत भारतीय नौसेना का अभिमान है। इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है और 2022 में नौसेना में शामिल किया गया था।
यह 262 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है, जो 30 से अधिक विमान और हेलीकॉप्टर ले जाने में सक्षम है।
पीएम मोदी ने विक्रांत को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह जहाज सिर्फ लोहे और मशीनों का नहीं, बल्कि हर भारतीय के सपनों और परिश्रम का प्रतीक है।
जवानों संग साझा की दिवाली की मिठास
प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ दिवाली की मिठाइयां बांटीं और उनके साथ फोटो खिंचवाए। उन्होंने कहा कि यह त्योहार केवल दीप जलाने का नहीं, बल्कि कर्तव्य के प्रति समर्पण का पर्व है।
“आप लोग अपने घर से दूर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है। हर भारतीय परिवार का दीपक आज आपके सम्मान में भी जल रहा है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
उन्होंने नौसेना के परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर जवान के पीछे उसका परिवार एक मजबूत दीवार की तरह खड़ा होता है, जिसका योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
‘आपकी सांसों और धड़कनों को महसूस कर गर्व होता है’ – मोदी
पीएम मोदी ने भावुक लहजे में कहा कि जब वह सैनिकों से मिलते हैं, तो उन्हें देश की असली शक्ति का एहसास होता है। उन्होंने कहा
“आपकी सांसों की लय और आपके दिल की धड़कनें ही देश की रक्षा की गूंज हैं। मैं यहां खड़ा होकर आपकी ऊर्जा को महसूस कर रहा हूं, जो मुझे और पूरे देश को नई प्रेरणा देती है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा में नौसेना की भूमिका पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी स्थल सीमाओं की। उन्होंने नौसेना के आधुनिकीकरण, स्वदेशी तकनीक के उपयोग और समुद्री सहयोग के बढ़ते प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत अब “ब्लू इकोनॉमी” (Blue Economy) और “सिक्योर सी लेन्स” की दिशा में तेजी से काम कर रहा है, और नौसेना इसमें अग्रणी भूमिका निभा रही है।
रात INS विक्रांत पर बिताई
इस बार पीएम मोदी ने केवल दिवाली मनाई ही नहीं, बल्कि INS विक्रांत पर रात भी बिताई। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गर्व और सम्मान का क्षण है कि वे उन वीरों के बीच समय बिता रहे हैं जो दिन-रात देश की रक्षा में तत्पर रहते हैं।
रात्रि विश्राम के दौरान उन्होंने नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा रणनीतियों और समुद्री अभियानों पर चर्चा भी की। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने अगले कुछ वर्षों में नौसेना के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजनाओं की भी समीक्षा की।