




दिवाली के बाद सिनेमाघरों में एक बार फिर हलचल लौट आई है। त्योहार खत्म होते ही दो नई हिंदी फिल्में रिलीज हुईं — ‘एक दीवाने की दीवानियत’ और ‘थामा’। दोनों फिल्मों को लेकर दर्शकों में अच्छी खासी चर्चा देखने को मिली, लेकिन सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है ‘एक दीवाने की दीवानियत’, जिसमें मुख्य भूमिकाओं में हर्षवर्धन राणे और दिव्या खन्ना नजर आए हैं।
फिल्म के रिलीज होते ही X (पहले ट्विटर) पर दर्शकों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कोई इसकी रोमांटिक कहानी की तारीफ कर रहा है, तो कोई इंटरवल के बाद की सुस्त रफ्तार पर निराशा जता रहा है। एक यूजर ने लिखा, “पहला हाफ शानदार, लेकिन दूसरे हाफ में कहानी अपनी चमक खो देती है।” वहीं एक अन्य दर्शक ने कहा, “हर्षवर्धन राणे की परफॉर्मेंस दिल जीत लेती है, लेकिन फिल्म का स्क्रीनप्ले और टाइट हो सकता था।”
‘एक दीवाने की दीवानियत’ को सोशल मीडिया पर रील्स और शॉर्ट वीडियो कंटेंट से भी जबरदस्त प्रमोशन मिला है। रिलीज से पहले फिल्म के गाने और कुछ इमोशनल डायलॉग्स इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहे थे। यही वजह है कि फिल्म को ओपनिंग डे पर अच्छी संख्या में दर्शक मिले। खासतौर पर युवा वर्ग और कॉलेज स्टूडेंट्स ने इसे देखने के लिए टिकट बुक किए।
फिल्म की कहानी एक ऐसे जुनूनी प्रेमी की है, जो अपनी मोहब्बत को पाने के लिए हर हद पार कर देता है। निर्देशक राजीव मेहरा ने इसे रोमांस और इमोशन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है, लेकिन इंटरवल के बाद कहानी अपनी लय खो देती है। पहले हाफ में जहां रोमांटिक सीक्वेंस और सिनेमैटिक कैमरा वर्क प्रभावित करते हैं, वहीं दूसरे हाफ में कहानी खिंचती हुई महसूस होती है।
फिल्म में हर्षवर्धन राणे ने अपने किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया है। उनकी आंखों का एक्सप्रेशन और डायलॉग डिलीवरी कई सीन्स में भावनाओं को गहराई देती है। वहीं, दिव्या खन्ना ने सीमित स्क्रीन टाइम में भी प्रभाव छोड़ा है। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा। एक यूजर ने X पर लिखा, “फिल्म का रोमांस ओल्ड स्कूल टच देता है, जो आजकल की फिल्मों में कम दिखता है।”
हालांकि, कहानी की कमजोरियों को दर्शकों ने नजरअंदाज नहीं किया। कई लोगों का कहना है कि फिल्म का दूसरा भाग “भारी इमोशनल ड्रामा” बन जाता है, जिससे गति धीमी पड़ जाती है। वहीं कुछ ने बताया कि क्लाइमेक्स भावनात्मक जरूर है, लेकिन पूर्वानुमेय (Predictable) भी।
बॉक्स ऑफिस की बात करें तो पहले दिन फिल्म ने लगभग ₹3.8 करोड़ का कारोबार किया है, जो इसके बजट के हिसाब से संतोषजनक माना जा रहा है। फिल्म को विशेष रूप से मेट्रो शहरों में बेहतर प्रतिक्रिया मिली, जबकि छोटे शहरों में इसका प्रदर्शन औसत रहा। सोशल मीडिया पर इसकी लोकप्रियता के चलते उम्मीद की जा रही है कि वीकेंड तक कलेक्शन में सुधार देखने को मिलेगा।
एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि फिल्म के कई दृश्यों में दर्शकों को “रील्स जैसा सिनेमैटिक टच” देखने को मिला। निर्देशक ने जानबूझकर कैमरा मूवमेंट्स और बैकग्राउंड म्यूजिक को सोशल मीडिया ट्रेंड्स से जोड़ने की कोशिश की, ताकि युवा दर्शक कनेक्ट महसूस करें। यही वजह है कि कई लोगों ने कहा कि “फिल्म रील्स से शुरू होकर सिनेमा पर खत्म होती है।”
फिल्म की म्यूजिक एल्बम भी सराही जा रही है। गाना “तेरा नाम लिखा” सोशल मीडिया पर हजारों रील्स में इस्तेमाल किया गया है। संगीतकार आदित्य देव ने मेलोडी और आधुनिक बीट्स का सुंदर मिश्रण पेश किया है।
हालांकि, कुछ समीक्षकों का कहना है कि फिल्म अपने नाम के मुताबिक उतनी “दीवानगी” नहीं दिखा पाती। कहानी के भावनात्मक हिस्सों में गहराई की कमी महसूस होती है। लेकिन फिर भी, हर्षवर्धन राणे की मेहनत और स्क्रीन प्रेजेंस ने इसे औसत से बेहतर बना दिया है।
कुल मिलाकर, ‘एक दीवाने की दीवानियत’ उन दर्शकों के लिए है जो क्लासिक रोमांस और इमोशनल ड्रामा को पसंद करते हैं। फिल्म का पहला हाफ पूरी तरह मनोरंजक है, वहीं दूसरा हिस्सा थोड़ी धैर्य की मांग करता है। सोशल मीडिया पर मिली शुरुआती प्रतिक्रियाएं इशारा कर रही हैं कि यह फिल्म युवाओं के दिलों में अपनी जगह जरूर बनाएगी — भले ही समीक्षकों के बीच इसकी यात्रा थोड़ी मुश्किल हो।