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    ‘दिल्ली बहुत दूर है’: देवेंद्र फडणवीस ने तोड़ी चुप्पी, कहा—2029 तक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने रहूंगा

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    मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि वे राष्ट्रीय राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं रखते। हाल के दिनों में मीडिया और राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज थी कि फडणवीस को दिल्ली बुलाया जा सकता है और उन्हें केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन उन्होंने खुद इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।

    देवेंद्र फडणवीस ने एक इंटरव्यू में कहा, “दिल्ली बहुत दूर है। मैं 2029 तक महाराष्ट्र की सेवा करना चाहता हूं। मेरी पूरी ऊर्जा राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए समर्पित है।” उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि वे आने वाले कई वर्षों तक राज्य की राजनीति में सक्रिय रहेंगे और मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे।

    फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में विकास कार्यों की लंबी सूची अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने राज्य को भरपूर सहयोग दिया है, और आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र को भारत की आर्थिक राजधानी के साथ-साथ एक “स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर हब” बनाने का लक्ष्य है।

    ‘राष्ट्रीय राजनीति में नहीं, राज्य की सेवा में रहूंगा व्यस्त’

    बीजेपी के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह से राज्य की राजनीति में केंद्रित हैं और दिल्ली की ओर उनका कोई झुकाव नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने जब राजनीति में प्रवेश किया था, तब से ही मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र को समृद्ध बनाना था। राज्य की जनता ने जो भरोसा दिया है, उसे निभाना मेरा कर्तव्य है।”

    फडणवीस के इस बयान को महाराष्ट्र की राजनीति में स्थिरता का संकेत माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में शिंदे-फडणवीस सरकार को लेकर विपक्ष लगातार यह दावा करता रहा है कि बीजेपी जल्द ही नेतृत्व में बदलाव कर सकती है। लेकिन फडणवीस के इस बयान ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।

    फडणवीस और केंद्र की राजनीति की चर्चा क्यों हुई?

    बीते कुछ महीनों से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि देवेंद्र फडणवीस को 2025 में मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने तो यहां तक कहा था कि उन्हें केंद्र में गृह या वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा, फडणवीस की दिल्ली यात्राओं और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातों ने इन अटकलों को और हवा दी थी।

    हालांकि, बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि फडणवीस का संगठनात्मक और प्रशासनिक अनुभव महाराष्ट्र के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। राज्य में गठबंधन सरकार को मजबूत करना और 2029 के विधानसभा चुनाव तक स्थिरता बनाए रखना उनकी प्रमुख भूमिका मानी जा रही है।

    ‘शिंदे सरकार मजबूत है, विपक्ष भ्रम में है’

    इंटरव्यू के दौरान फडणवीस ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) केवल बयानबाजी की राजनीति कर रही है, जबकि सरकार ज़मीन पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने राज्य में निवेश आकर्षित करने, किसानों के लिए नई योजनाएं शुरू करने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। विपक्ष को लगता है कि सरकार कमजोर है, लेकिन सच्चाई यह है कि हमारी सरकार पहले से कहीं अधिक मजबूत है।”

    फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उनका तालमेल बहुत अच्छा है और दोनों मिलकर राज्य के विकास एजेंडा पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार 2029 तक पूरा कार्यकाल पूरा करेगी और जनता के भरोसे पर खरी उतरेगी।

    विकास कार्यों पर फोकस

    देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आने वाले सालों में महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास और कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, और मेट्रो प्रोजेक्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स राज्य को नई दिशा दे रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का लक्ष्य अगले चार वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। “इसके लिए हमें राजनीति से ज्यादा काम पर ध्यान देना होगा। मैं अपनी भूमिका से पूरी तरह संतुष्ट हूं और राज्य के लिए जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा,” उन्होंने कहा।

    2029 तक सीएम पद पर बने रहने का ऐलान

    फडणवीस ने कहा कि वे 2029 तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे, क्योंकि राज्य की जनता ने उन पर भरोसा किया है। “मेरी राजनीति का केंद्र हमेशा महाराष्ट्र रहा है और रहेगा। दिल्ली बहुत दूर है, लेकिन महाराष्ट्र मेरे दिल के करीब है,” उन्होंने मुस्कराते हुए कहा।

    उनके इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक एक “स्पष्ट संदेश” के रूप में देख रहे हैं — कि फडणवीस न केवल राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहते हैं, बल्कि बीजेपी के अंदर नेतृत्व के संतुलन को भी बनाए रखना चाहते हैं।

    देवेंद्र फडणवीस के “दिल्ली बहुत दूर है” बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई स्पष्टता ला दी है। उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि उनका फोकस आने वाले वर्षों तक राज्य की राजनीति पर ही रहेगा। इससे बीजेपी की राज्य इकाई को स्थिरता और दिशा दोनों मिलेंगी।

    अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि फडणवीस-शिंदे की जोड़ी 2029 तक सरकार को कितनी मजबूती से चला पाती है और महाराष्ट्र को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचा पाती है।

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