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फाजिल्का जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल से डेंगू के खिलाफ जंग तेज हो गई है। जिला प्रशासन ने डेंगू मुक्त फाजिल्का बनाने का संकल्प लिया है, जिसके तहत नगर परिषद फाजिल्का और स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरे शहर में घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं। यह मुहिम केवल कार्यदिवसों में नहीं, बल्कि छुट्टी के दिनों में भी जारी है। अधिकारी स्वयं फील्ड में उतरकर निरीक्षण कर रहे हैं ताकि डेंगू के मामलों को जड़ से खत्म किया जा सके।
सिविल सर्जन डॉ. रोहित गोयल और सहायक सिविल सर्जन डॉ. अर्पित गुप्ता, एसएमयू टीम सदस्य डॉ. एरिक के साथ लगातार फील्ड निरीक्षण कर रहे हैं। ये अधिकारी घर-घर जा कर लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बता रहे हैं और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर के जट्टियां मोहल्ला, राधा स्वामी कॉलोनी और रॉयल सिटी इलाकों में आज विशेष सर्वेक्षण चलाया गया जहां फ्रिज की ट्रे, गमलों, पानी की टंकियों और खुले पात्रों की सावधानीपूर्वक जांच की गई। लोगों को डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों की जानकारी दी गई।
फाजिल्का स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि शहर में प्रतिदिन फॉगिंग की जा रही है ताकि मच्छरों के प्रजनन स्थानों को नष्ट किया जा सके। इसके साथ ही विभिन्न इलाकों में मेडिकल स्क्रीनिंग कैंप भी लगाए जा रहे हैं जहां लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है और जरूरतमंदों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। डॉ. गोयल ने कहा कि डेंगू के खात्मे के लिए सभी नागरिकों का सहयोग जरूरी है ताकि शहर को डेंगू मुक्त बनाया जा सके।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घर में रुके पानी की नियमित सफाई करें, कूलर और गमलों की ट्रे हर सप्ताह साफ करें और पानी की टंकियों को ढककर रखें। उन्होंने बताया कि एडीज एजिप्टी मच्छर साफ रुके पानी में पलता है और दिन के समय अधिक सक्रिय होता है। इसलिए रोकथाम के लिए स्वच्छता अभियान ही सबसे प्रभावी हथियार है।
सिविल सर्जन डॉ. गोयल ने यह भी कहा कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले तेल या क्रीम का प्रयोग करें। यदि किसी को बुखार, सिरदर्द या थकान के लक्षण महसूस होते हैं तो वे तुरंत सिविल अस्पताल फाजिल्का जाकर अपनी जांच कराएं। अस्पताल में डेंगू का टेस्ट पूरी तरह से मुफ्त किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डेंगू के दौरान एस्प्रिन या आइबूप्रोफेन जैसी दवाएं न ली जाएं, बल्कि केवल पैरासिटामोल की गोलियों का ही सेवन किया जाए।
सहायक सिविल सर्जन डॉ. अर्पित गुप्ता ने बताया कि टीमें शहर के सभी वार्डों में रोजाना निरीक्षण कर रही हैं। जहां डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां फॉगिंग की गई है और नागरिकों को डेंगू के फैलाव से रोकने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें छुट्टियों के दिनों में भी गली-गली घूमकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और डेंगू के हर संभावित स्रोत को समाप्त करने की कोशिश कर रही हैं।
नगर परिषद फाजिल्का के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान में टीमों का फोकस मुख्यतः हॉटस्पॉट इलाकों पर है जहां पहले डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। लोगों को कचरा न फेंकने, रुके पानी को नष्ट करने और नियमित सफाई रखने की अपील की जा रही है।
इस पूरे अभियान में दिवेश कुमार, पारस कटारिया, मनप्रीत सिंह (मेल वर्कर) आदि भी सक्रिय रूप से शामिल हैं जो मकानों में जाकर लोगों को मच्छरों से बचाव के प्रति संवेदनशील बना रहे हैं। डेंगू के रोकथाम के लिए फाजिल्का प्रशासन का यह संगठित अभियान अब एक आंदोलन का रूप ले रहा है। इसका उद्देश्य साफ है — हर घर, हर मोहल्ला डेंगू मुक्त बने।
सिविल सर्जन ने जनता से अपील की कि वे स्वास्थ्य विभाग के सर्वेक्षण टीमों का पूरा सहयोग करें और साफ-सफाई को जीवन का हिस्सा बनाएं। फाजिल्का प्रशासन की यह साझा कोशिश स्वस्थ शहर की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है जो नागरिक सहयोग से ही सफल हो सकेगा।








