• Create News
  • Nominate Now

    SIR प्रक्रिया पर सियासी घमासान! चुनाव आयोग के फैसले से मचा बवाल, विपक्ष ने बीजेपी पर लगाया सत्तानुकूलता का आरोप

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    देश में चुनावी माहौल एक बार फिर गर्म होता दिख रहा है। चुनाव आयोग द्वारा देशव्यापी SIR (Special Identification Review) प्रक्रिया को हरी झंडी देने के बाद विपक्ष ने बीजेपी पर खुलकर निशाना साधा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया सत्ताधारी पार्टी के हित में चलाई जा रही है, जिससे चुनावी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि SIR प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है।

    SIR प्रक्रिया दरअसल मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने और दोहराव या फर्जी वोटरों की पहचान के लिए शुरू की गई है। आयोग ने इसे पूरे देश में लागू करने की अनुमति दी है, ताकि चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाई जा सके। बिहार जैसे राज्यों में इस प्रक्रिया का परीक्षण चरण पहले ही पूरा किया जा चुका है। आयोग का दावा है कि बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोई औपचारिक आपत्ति या अपील दर्ज नहीं की गई थी, जिससे यह साबित होता है कि व्यवस्था प्रभावी और संतुलित रही।

    हालांकि, विपक्ष का दावा है कि इस प्रक्रिया को सत्ताधारी दल के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस, राजद, टीएमसी, आप और कई अन्य विपक्षी दलों ने इसे लेकर चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि मतदाता सूची में बदलाव के नाम पर कई विपक्षी गढ़ों के वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं या गलत तरीके से स्थानांतरित किए गए हैं। विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि जिन इलाकों में बीजेपी का मजबूत प्रभाव है, वहां SIR प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।

    कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “चुनाव आयोग को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक संवैधानिक संस्था है, न कि किसी राजनीतिक दल का अंग। SIR प्रक्रिया के नाम पर अगर विपक्षी मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।” इसी तरह, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने भी कहा कि “देश में निष्पक्ष चुनाव का सपना तभी पूरा होगा जब चुनाव आयोग अपने निर्णयों में समानता और पारदर्शिता दिखाएगा।”

    बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि “SIR प्रक्रिया कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार का हिस्सा है। इसका मकसद चुनाव को निष्पक्ष और स्वच्छ बनाना है। विपक्ष को डर इसलिए है क्योंकि अब फर्जी वोटिंग की गुंजाइश खत्म हो रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष मुद्दों के अभाव में केवल चुनाव आयोग की साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।

    वहीं, चुनाव आयोग ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया का उद्देश्य किसी भी मतदाता को हटाना नहीं बल्कि डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना है। आयोग ने यह भी कहा कि जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, उन्हें सूचना दी गई है और उन्हें पुनः सत्यापन का अवसर दिया गया है। आयोग ने विपक्ष की चिंताओं को देखते हुए यह भी संकेत दिया है कि अगर किसी राज्य से औपचारिक शिकायत मिलती है तो उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। चुनावी वर्ष में विपक्ष इस मुद्दे को केंद्र सरकार के खिलाफ एक नैरेटिव बनाने में इस्तेमाल करना चाहता है, जबकि बीजेपी इसे “चुनावी सुधार” के रूप में पेश कर रही है।

    SIR प्रक्रिया का असर आगामी राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2026 के लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। यदि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है, तो इससे देशभर में मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ेगी। लेकिन अगर विपक्ष के आरोप सही साबित हुए, तो यह लोकतांत्रिक ढांचे पर गंभीर प्रश्न खड़े करेगा।

    लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव सबसे बड़ा स्तंभ माना जाता है। ऐसे में यह विवाद केवल एक प्रशासनिक मसला नहीं बल्कि भारतीय राजनीति की विश्वसनीयता का भी प्रश्न है। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग विपक्ष की चिंताओं को कैसे संबोधित करता है और क्या राजनीतिक दल इस मुद्दे पर किसी साझा समझौते पर पहुंच पाते हैं या नहीं।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    अमित शाह बोले- महाराष्ट्र में बीजेपी को ‘बैसाखियों’ की जरूरत नहीं, मुंबई में नए प्रदेश कार्यालय का शिलान्यास

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष रणनीतिकार अमित शाह ने सोमवार को मुंबई में बीजेपी के…

    Continue reading
    मुंबई में बीजेपी दफ्तर के भूमिपूजन पर भड़के संजय राउत, बोले- मराठी भाषा भवन का काम रुका और पार्टी ने जमीन हड़प ली

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश मुख्यालय के…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *