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राजस्थान में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में करोड़ों रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले की जांच के लिए राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक 38 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और लगभग 11 हजार बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई केंद्र सरकार की योजनाओं में धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाया गया एक अहम कदम है।
ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ का मुख्य उद्देश्य उन गिरोहों और समूहों को चिन्हित करना है जो सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने के बजाय उन्हें अपने निजी लाभ के लिए दुरुपयोग कर रहे थे। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि यह गिरोह कई वर्षों से विभिन्न केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में वित्तीय धोखाधड़ी कर रहा था। फर्जी दस्तावेज, काल्पनिक खातों और नकली लाभार्थियों की मदद से उन्होंने करोड़ों रुपये का गबन किया।
SOG की टीम ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर इस गिरोह के मुख्य सरगना और उसके सहयोगियों को पकड़ने में सफलता पाई। गिरफ्तार आरोपियों में अधिकारी, मध्यस्थ और लाभार्थियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने इस ठगी में सक्रिय भूमिका निभाई। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 11 हजार खातों को फ्रीज किया गया है और इन खातों में जमा राशि भी जब्त की जा रही है। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि सरकार की योजनाओं में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीआईजी पारिस देशमुख बुधवार को झालावाड़ पहुंचेंगे। उनके आने से पूरे ऑपरेशन में और गति आने की उम्मीद है। डीआईजी का कहना है कि इस ऑपरेशन से कई बड़े राज और छुपी हुई साजिशें उजागर होंगी। अधिकारियों का दावा है कि यह ऑपरेशन केवल शुरुआती कदम है और आगे भी कई छापेमारी और जांचें जारी रहेंगी। इस ऑपरेशन के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भविष्य में सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की अनियमितता या ठगी न हो।
राजस्थान में इस तरह की ठगी का खुलासा स्थानीय जनता के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। आम लोग आश्चर्यचकित हैं कि कैसे इतनी बड़ी रकम लंबे समय तक किसी की नज़र में नहीं आई। SOG के अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी का पता चले तो वे तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। इससे न केवल अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी बल्कि भविष्य में ठगी और भ्रष्टाचार को भी रोका जा सकेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ राजस्थान में सरकारी योजनाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार और ठगी करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है। ऑपरेशन के दौरान बरामद दस्तावेज, फ्रीज किए गए खाते और गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि यह गिरोह काफी संगठित और लंबे समय से काम कर रहा था।
राजस्थान पुलिस और SOG की टीम ने इस ऑपरेशन के लिए तकनीकी और डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग किया। बैंकिंग ट्रांजेक्शन, ऑनलाइन डाटा और फाइनेंशियल रिकॉर्ड की जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी खाता छूट न जाए। अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद कई और राज खुल सकते हैं और बड़े पैमाने पर ठगी का पर्दाफाश होगा।
राजस्थान में ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ की यह कार्रवाई पूरे देश के लिए भी संदेश देती है कि सरकार की योजनाओं में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना कितना आवश्यक है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार को रोकती है बल्कि आम जनता में भी सरकार की योजनाओं के प्रति विश्वास और भरोसा बढ़ाती है।
कुल मिलाकर, SOG के ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ ने राजस्थान में केंद्र सरकार की योजनाओं में होने वाली ठगी और वित्तीय अनियमितताओं पर पैनी नजर रखी है। 38 आरोपी गिरफ्तार और 11 हजार खातों को फ्रीज करने के साथ ही यह ऑपरेशन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ निर्णायक कदम साबित हो रहा है। डीआईजी पारिस देशमुख के आने के बाद इस ऑपरेशन में और तेजी आने की उम्मीद है और कई अन्य राज भी उजागर होंगे।
इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश मिलता है कि सरकार की योजनाओं और जनता के धन के साथ छेड़छाड़ करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है। ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ राजस्थान में भ्रष्टाचार और ठगी पर नकेल कसने के लिए एक मजबूत और निर्णायक कदम साबित हो रहा है।







