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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास: अंबाला एयरबेस से राफेल में उड़ान भरने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनीं

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    भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने हरियाणा के अंबाला एयरबेस से भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरी। यह क्षण भारतीय रक्षा इतिहास के उन गौरवशाली पलों में शामिल हो गया, जब देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन महिला ने वायुसेना के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

    इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछले साल सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) में उड़ान भरकर सबको चकित किया था। राफेल में उड़ान भरना उनके इस साहसिक सफर का अगला अध्याय साबित हुआ। इस उड़ान को लेकर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।

    राफेल में उड़ान: देश के लिए गौरव का पल

    सुबह करीब 10 बजे राष्ट्रपति मुर्मू अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं। वहां वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उन्हें वायुसेना के प्रोटोकॉल के तहत राफेल विमान की तकनीकी जानकारी दी गई और सुरक्षा ब्रीफिंग कराई गई।

    राष्ट्रपति ने विशेष उड़ान सूट पहना और उसके बाद एयरक्राफ्ट में सवार हुईं। उनके साथ विंग कमांडर अभिनव चौधरी को-पायलट के रूप में मौजूद थे। राफेल ने रनवे से उड़ान भरी तो पूरा अंबाला एयरबेस ‘जय हिन्द’ के नारों से गूंज उठा।

    यह उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली, जिसमें विमान ने 13,000 फीट की ऊंचाई को पार किया। उड़ान के दौरान राष्ट्रपति ने विमान के नियंत्रण, संचालन और विभिन्न हथियार प्रणालियों की जानकारी ली।

    भारतीय वायुसेना के गौरवशाली क्षणों में एक और जुड़ा अध्याय

    राफेल भारत की वायुसेना के बेड़े में शामिल सबसे आधुनिक और शक्तिशाली लड़ाकू विमान है। फ्रांस से आए इस विमान को 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसमें अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, हवाई-से-हवाई मिसाइलें और मल्टीरोल स्ट्राइक क्षमता है।

    राष्ट्रपति का राफेल में उड़ान भरना न केवल एक प्रतीकात्मक कदम था, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के प्रति देश की सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख के विश्वास और गौरव को दर्शाता है।

    भारतीय वायुसेना की परंपरा रही है कि राष्ट्रपति, जोकि सर्वोच्च कमांडर ऑफ आर्म्ड फोर्सेज हैं, समय-समय पर सैन्य बलों के साथ सीधा अनुभव साझा करते हैं। इस परंपरा को राष्ट्रपति मुर्मू ने नई ऊंचाई दी है।

    महिला सशक्तिकरण का सशक्त संदेश

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण का प्रतीकात्मक संदेश भी थी।
    देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने दिखाया कि महिलाएं न केवल संवैधानिक पदों पर बल्कि रक्षा क्षेत्र जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी समान रूप से सक्षम हैं।

    राष्ट्रपति ने उड़ान के बाद कहा —

    “यह मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है। भारतीय वायुसेना की क्षमता, अनुशासन और समर्पण देखकर मैं गौरवान्वित हूं। देश के युवाओं, विशेषकर बेटियों से कहना चाहूंगी कि वे किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।”

    उनका यह वक्तव्य पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने उनके इस साहसिक कदम की सराहना की। ट्विटर (X) और इंस्टाग्राम पर हैशटैग #PresidentMurmu, #RafaleFlight और #WomenPowerIndia ट्रेंड करने लगे।

    राफेल विमान: भारत की शान

    राफेल फाइटर जेट फ्रांस की डसॉल्ट कंपनी द्वारा निर्मित है। यह दो इंजन वाला मल्टीरोल फाइटर जेट है जो हवा में लड़ाई और ज़मीनी हमले दोनों करने में सक्षम है।
    इसमें Meteor, MICA और Scalp जैसी मिसाइलें लगी हैं, जो इसे दुश्मन के ठिकानों पर दूर से प्रहार करने में सक्षम बनाती हैं।

    राफेल की स्पीड Mach 1.8 (लगभग 2,200 किमी/घंटा) तक पहुंच सकती है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

    राष्ट्रपति की उड़ान का उद्देश्य और महत्व

    राष्ट्रपति की इस उड़ान का उद्देश्य केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसका मकसद भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता, मनोबल और तकनीकी उत्कृष्टता को समझना और प्रोत्साहित करना था।
    यह कदम वायुसेना के अधिकारियों और पायलटों के मनोबल को और ऊंचा उठाने वाला साबित हुआ है।

    रक्षा मंत्री और वायुसेना प्रमुख ने दी बधाई

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति को बधाई देते हुए कहा —

    “राष्ट्रपति मुर्मू ने न केवल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में बल्कि भारतीय नारी शक्ति के प्रतीक के रूप में इतिहास रचा है। उनका यह कदम देश की बेटियों को नई प्रेरणा देगा।”

    वहीं एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने कहा —

    “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि सर्वोच्च कमांडर ने हमारी क्षमताओं को प्रत्यक्ष रूप से देखा और अनुभव किया।”

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राफेल उड़ान ने भारत की सैन्य परंपरा, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत की भावना — तीनों को एक साथ जोड़ दिया।
    यह केवल एक उड़ान नहीं, बल्कि भारत के नए युग की उड़ान है — जहां महिलाएं न सिर्फ सपने देखती हैं, बल्कि उन्हें आसमान में सच भी कर दिखाती हैं।

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