• Create News
  • Nominate Now

    अलीगढ़ में पहली कक्षा के बच्चे को कोर्ट से मिला शांति भंग का नोटिस, परिवार हैरान! पुलिस की गलती से मचा हड़कंप

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यहां पहली कक्षा में पढ़ने वाले एक बच्चे को अदालत से शांति भंग का नोटिस (Breach of Peace Notice) भेजा गया है। यह खबर सामने आते ही न केवल जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई। बच्चे के परिवार वाले जहां सदमे में हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन अब सफाई देने में जुटा है।

    मामला अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाले एक परिवार को कोर्ट से नोटिस मिला जिसमें लिखा था कि उनके बेटे को “शांति भंग की आशंका” में पाबंद किया गया है और उसे अदालत में पेश होना होगा। जब नोटिस देखा गया तो सबके होश उड़ गए क्योंकि जिस व्यक्ति का नाम उसमें लिखा था, वह सिर्फ छह साल का बच्चा निकला — जो कि पहली कक्षा में पढ़ता है!

    परिवार ने तुरंत इस मामले की शिकायत की और बताया कि यह नोटिस पुलिस की गंभीर लापरवाही का परिणाम है। बच्चे के पिता संदीप शर्मा (काल्पनिक नाम) ने बताया,

    “जब हमें कोर्ट से नोटिस मिला तो हम हैरान रह गए। उसमें मेरे बेटे का नाम लिखा था, जो अभी स्कूल जाता है और ठीक से अपना नाम भी नहीं लिख पाता। हमें समझ नहीं आया कि इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है।”

    इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। क्वार्सी थाने की पुलिस ने बताया कि यह एक डेटा एंट्री की गलती हो सकती है। बताया जा रहा है कि असली आरोपी का नाम बच्चे के पिता के समान था, और गलती से सिस्टम में पिता की जगह बेटे का नाम दर्ज हो गया।

    थाना प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में कहा,

    “यह हमारी तरफ से एक तकनीकी त्रुटि प्रतीत होती है। कोर्ट में भेजी गई रिपोर्ट में नाम गलत दर्ज हो गया। हम इसकी जांच कर रहे हैं और जल्द ही इसे सही कर दिया जाएगा।”

    हालांकि, इस गलती ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर पुलिस रिपोर्ट कोर्ट में भेजने से पहले उसकी ठीक से जांच क्यों नहीं करती? क्या सिस्टम में इस तरह की त्रुटियों को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है?

    इस घटना के बाद बच्चे के घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। कई लोग इसे “गजब यूपी पुलिस की कहानी” बताते हुए मजाक उड़ाने लगे। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई और लोग तरह-तरह के मीम्स और प्रतिक्रियाएं पोस्ट करने लगे। एक यूजर ने लिखा —

    “पहली कक्षा का बच्चा अब कोर्ट में पेश होगा, पढ़ाई छोड़कर वकील से सलाह लेगा!”

    दूसरे यूजर ने व्यंग्य किया —

    “अब बच्चा स्कूल बैग में किताबों के साथ कोर्ट नोटिस भी लेकर जाएगा।”

    हालांकि, मजाक और मीम्स के बीच एक गंभीर सवाल भी खड़ा हो गया है — क्या प्रशासनिक लापरवाही इतनी बढ़ गई है कि बच्चों तक के नाम कानूनी कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं?

    अलीगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक (शहर) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा,

    “यह गलती बेहद शर्मनाक है। जांच के बाद संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी निर्दोष व्यक्ति, खासकर नाबालिग का नाम किसी कानूनी दस्तावेज में नहीं आना चाहिए।”

    इस बीच, कोर्ट ने भी इस नोटिस पर संज्ञान लिया है। बताया जा रहा है कि बच्चे के नाम वाला नोटिस अब निरस्त कर दिया जाएगा और सही जानकारी के साथ नया नोटिस जारी किया जाएगा।

    इतिहास में यह पहला मामला नहीं है जब किसी प्रशासनिक गलती ने मजाक का रूप ले लिया हो। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है — क्योंकि यह एक छोटे से बच्चे से जुड़ा है, जो कानून और व्यवस्था जैसे शब्दों से भी शायद अनजान है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना से यह साफ है कि सिस्टम में मानवीय त्रुटियों की जांच के लिए कड़े मानक जरूरी हैं। अगर समय रहते ऐसी गलतियों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो निर्दोष लोगों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

    फिलहाल, बच्चा अपने परिवार के साथ घर पर है और स्कूल जा रहा है। लेकिन यह घटना उसके माता-पिता के लिए एक गहरी सीख बन गई है — कि एक साधारण नोटिस भी कैसे किसी की जिंदगी में हड़कंप मचा सकता है।

    अलीगढ़ की यह “गजब कहानी” प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन चुकी है, और लोग अब इसे मजाक में नहीं, बल्कि एक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं कि सिस्टम में सुधार कितना जरूरी है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    बांके बिहारी मंदिर तोशाखाना विवाद गहराया: संत करेंगे आमरण अनशन, बोले- सनातन धर्म की संपत्ति चोरी हुई है

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का तोशाखाना विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। मंदिर की संपत्ति और खजाने…

    Continue reading
    बागपत में मिट्टी की खुदाई के दौरान मिला 5 हजार साल पुराना खजाना, मंदिरनुमा आकृति देख पूजा करने लगे लोग

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक चौंकाने वाली ऐतिहासिक खोज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। जिले…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *