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पंजाबी सिंगर और बॉलीवुड एक्टर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) अपने शांत स्वभाव और विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर उन्होंने न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन हाल ही में दिलजीत ने ऐसा अनुभव साझा किया है जिसने यह दिखाया कि आज भी नस्लवाद (Racism) जैसी समस्या समाज में मौजूद है।
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ऑनलाइन नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। सिंगर ने खुलासा किया कि कुछ लोगों ने उनके लुक्स और पगड़ी को लेकर मज़ाक उड़ाया और उन्हें ‘उबर ड्राइवर’ तक कह दिया। हालांकि, उन्होंने बेहद परिपक्वता से प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे इससे नाराज नहीं हैं, बल्कि यह दुनिया की सच्चाई है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने इंटरनेशनल म्यूजिक टूर पर हैं और उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक इंटरव्यू के दौरान इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा –
“मैं सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव नहीं रहता, लेकिन कभी-कभी कुछ कमेंट्स देख लेता हूं। किसी ने लिखा – ‘ओह लुक, न्यू उबर ड्राइवर इज हियर!’ पहले लगा मजाक कर रहा है, फिर समझ आया कि यह नस्लवादी कमेंट है। लेकिन मैं गुस्सा नहीं हुआ। यह तो कई बार हमारे लोगों के साथ होता रहता है।”
दिलजीत ने आगे कहा कि उन्हें इस तरह की बातों से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह मानते हैं कि ऐसे लोग अज्ञानता से प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा –
“मैंने इसे पर्सनली नहीं लिया। अगर कोई इंसान किसी की मेहनत और पहचान को नहीं समझ सकता, तो उसकी सोच पर तरस आता है। मुझे गर्व है कि मैं पंजाबी हूं, सिख हूं, और अपनी पगड़ी के साथ दुनिया में नाम कमा रहा हूं।”
दिलजीत दोसांझ का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। फैंस उनकी परिपक्व सोच और संयमित प्रतिक्रिया की तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि दिलजीत ने जिस शालीनता से इस घटना को हैंडल किया, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय सेलेब्रिटी को विदेश में नस्लवाद का सामना करना पड़ा हो। पहले भी क्रिकेटर, छात्र और फिल्म कलाकार ऐसी घटनाओं के शिकार बन चुके हैं। दिलजीत का मामला इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने इसे नफरत या गुस्से के बजाय सकारात्मकता और समझदारी से संभाला।
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय समुदाय ने भी दिलजीत के समर्थन में आवाज उठाई है। मेलबर्न और सिडनी में रहने वाले सिख समुदाय ने कहा कि ऐसे अनुभव आम हैं, लेकिन अब समय है कि लोगों को विविधता की अहमियत समझाई जाए।
दिलजीत दोसांझ अपने काम और व्यक्तित्व दोनों से ही यह साबित कर चुके हैं कि सादगी और आत्मविश्वास किसी भी नकारात्मक सोच से कहीं ज्यादा ताकतवर होती है। वह सिर्फ एक सिंगर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सम्मान के प्रतीक हैं।
हाल ही में उन्होंने नेटफ्लिक्स की फिल्म “अमर सिंह चमकिला” में अपने दमदार अभिनय से भी दुनिया भर में तारीफें बटोरी थीं। इस फिल्म में उन्होंने उस दौर के संघर्षरत कलाकार की कहानी को बड़ी संवेदनशीलता से पेश किया, जो समाज की सोच और भेदभाव से जूझता है।
दिलजीत का यह अनुभव भी कहीं न कहीं उसी कहानी की तरह है — जहाँ कला सीमाओं से परे होती है, लेकिन समाज की मानसिक सीमाएं अब भी बनी हुई हैं। उन्होंने इस घटना को नफरत का जवाब प्यार से देकर यह संदेश दिया है कि “तुम्हारे शब्द मेरे आत्मविश्वास को नहीं तोड़ सकते।”
फैंस ने सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन देते हुए लिखा –
“दिलजीत भाई, आप सिर्फ एक स्टार नहीं बल्कि इंसानियत की मिसाल हैं। हमें आप पर गर्व है।”
अंत में, दिलजीत ने कहा कि वह इस घटना को भूलकर आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा –
“मैं ऐसे लोगों के लिए वक्त नहीं निकाल सकता। मेरे पास करने को और भी बहुत कुछ है — अपने गाने, अपने फैंस और अपनी संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाना।”
उनकी यह बात आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है — कि अपमान का जवाब गुस्से से नहीं, बल्कि अपनी सफलता और सकारात्मक सोच से दिया जा सकता है।








