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थाईलैंड में पकड़े गए करीब 600 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी को लेकर भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इन भारतीयों की पहचान और दस्तावेज़ों के सत्यापन का कार्य जारी है और जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, भारत सरकार एक विशेष विमान भेजकर उन्हें स्वदेश लाने की योजना बना रही है।
ये सभी भारतीय नागरिक म्यांमार के साइबर फ्रॉड हब्स में फंसे थे, जहां उन्हें ऑनलाइन ठगी और फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था। हाल में म्यांमार की सेना और पुलिस ने इन अवैध केंद्रों पर बड़ी कार्रवाई की थी, जिसके बाद सैकड़ों विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया। इनमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के लोग शामिल हैं।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि भारत ने औपचारिक रूप से अपने नागरिकों की वापसी का अनुरोध किया है और उनकी रिहाई और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय दूतावास लगातार थाई अधिकारियों के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि “भारत सरकार ने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेजने की सहमति दी है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को बताया कि भारत सरकार पूरी गंभीरता से मामले पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “थाईलैंड में मौजूद हमारे दूतावास की टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर हर व्यक्ति की पहचान और दस्तावेज़ों की जांच कर रही है। प्रक्रिया पूरी होते ही सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया जाएगा।”
माना जा रहा है कि ये भारतीय नागरिक पिछले कुछ महीनों में “ऑनलाइन जॉब स्कैम” का शिकार बने। सोशल मीडिया या रोजगार पोर्टलों पर आकर्षक नौकरियों का झांसा देकर इन्हें म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों, खासकर शान और काचिन प्रांतों में ले जाया गया। वहां पहुंचने के बाद इनसे जबरन काम करवाया गया— जिसमें विदेशी ग्राहकों से फर्जी निवेश, लोन या क्रिप्टो धोखाधड़ी करवाई जाती थी।
कई पीड़ितों के परिवारों ने भारत में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके परिजनों को नौकरी के बहाने विदेश भेजा गया और बाद में उनसे संपर्क टूट गया। कुछ ने तो बताया कि उनसे फिरौती भी मांगी गई थी। इस पूरे मामले ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया था।
थाईलैंड की पुलिस ने हाल ही में म्यांमार सीमा के पास बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें करीब 1,200 विदेशी नागरिकों को बचाया गया, जिनमें 500 से अधिक भारतीय थे। अब इन लोगों को थाईलैंड के माय सॉट और माए सोत डिटेंशन सेंटर्स में रखा गया है, जहां उनकी पूछताछ और सत्यापन का काम चल रहा है।
भारतीय दूतावास ने इन नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए इमरजेंसी हेल्पडेस्क और मेडिकल टीम भी तैनात की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन, दवाई और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर विदेशों में रोजगार से जुड़े ऑनलाइन स्कैम की गंभीरता को उजागर कर दिया है। कई देशों में साइबर क्राइम सिंडिकेट्स ऐसे गिरोह चलाते हैं जो युवाओं को ऊंची तनख्वाह और विदेशी नौकरी के झांसे में फंसा लेते हैं, और फिर उनसे अवैध गतिविधियाँ करवाते हैं।
भारत सरकार ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन नौकरी प्रस्ताव या एजेंट पर भरोसा न करें। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “जो लोग विदेश में काम के लिए जा रहे हैं, वे केवल पंजीकृत एजेंसियों और प्रमाणित माध्यमों से ही संपर्क करें।”
इस बीच, थाईलैंड के प्रधानमंत्री स्रेत्था थाविसिन ने कहा है कि उनकी सरकार भारत और अन्य देशों के साथ सहयोग कर रही है ताकि फंसे हुए सभी विदेशी नागरिकों को जल्द से जल्द उनके देश वापस भेजा जा सके। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि म्यांमार के इन फर्जी नेटवर्कों को दोबारा पनपने न दिया जाए।”
भारत सरकार ने थाईलैंड और म्यांमार की सरकारों से आग्रह किया है कि इस तरह की मानव तस्करी और साइबर अपराध में शामिल गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भारत इन मामलों पर साउथ ईस्ट एशिया रीजनल कोऑपरेशन फ्रेमवर्क के तहत भी काम करेगा ताकि भविष्य में भारतीय नागरिकों को ऐसे जाल में फंसने से बचाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय विमान अगले कुछ दिनों में बैंकॉक पहुंचेगा, जहां से सत्यापित नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा। हालांकि, पहले चरण में केवल उन्हीं लोगों को भेजा जाएगा जिनकी पहचान और यात्रा दस्तावेज़ों की जांच पूरी हो चुकी है।
परिवारों की उम्मीदें अब भारत सरकार की इस कार्रवाई से जुड़ी हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों से गए कई युवा इन फर्जी कॉल सेंटरों का हिस्सा बने थे। उनके परिजन महीनों से उनकी वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
भारत सरकार की यह पहल न केवल संकटग्रस्त भारतीयों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि विदेशों में फंसे नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है।
अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले सप्ताह में थाईलैंड में फंसे इन 600 भारतीयों की घर वापसी संभव होगी, जिससे इन परिवारों की लंबे समय से चली आ रही चिंता का अंत हो जाएगा।







