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महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में ऐसी जीत दर्ज की, जिसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देगी। इस मैच में टीम इंडिया ने 339 रन का विशाल लक्ष्य चेज कर न सिर्फ जीत हासिल की, बल्कि महिला वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे बड़े रन चेज का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया।
यह मुकाबला न केवल रोमांचक था, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक भी साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शानदार शुरुआत की और 50 ओवर में 338 रन बनाए। फोबे लिचफील्ड ने 115 रन की शानदार पारी खेली, जबकि कप्तान एलिसा हिली ने भी अर्धशतक लगाया। लेकिन भारत की टीम ने इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को असंभव नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास से संभव बना दिखाया।
भारत की ओपनर स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने पारी की शानदार शुरुआत की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 150 से ज्यादा रन की साझेदारी कर जीत की नींव रखी। शैफाली ने ताबड़तोड़ 87 रन बनाए, जबकि मंधाना ने शानदार 105 रनों की पारी खेली। उनके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने पारी को आगे बढ़ाया और टीम को जीत की राह पर कायम रखा।
मैच का सबसे अहम पल तब आया जब भारत को आखिरी 5 ओवर में 35 रन चाहिए थे। हरमनप्रीत ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से 46वें ओवर में लगातार दो छक्के जड़कर मैच को भारत के पक्ष में कर दिया। आखिरकार, भारत ने 49.3 ओवर में 339 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से मात दी।
यह जीत सिर्फ एक सेमीफाइनल जीत नहीं थी, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बन गई। इससे पहले किसी भी महिला टीम ने इतने बड़े लक्ष्य का पीछा कर जीत हासिल नहीं की थी।
इससे पहले महिला वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे बड़ा सफल रन चेज इंग्लैंड ने किया था, जिसने 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 284 रन का लक्ष्य हासिल किया था। लेकिन अब यह रिकॉर्ड भारत के नाम दर्ज हो गया है।
महिला वर्ल्ड कप इतिहास के 5 सबसे बड़े सफल रन चेज:
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भारत – 339 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2025 सेमीफाइनल) 
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इंग्लैंड – 284 रन बनाम न्यूजीलैंड (2017) 
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ऑस्ट्रेलिया – 278 रन बनाम इंग्लैंड (2022) 
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दक्षिण अफ्रीका – 275 रन बनाम पाकिस्तान (2017) 
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न्यूजीलैंड – 271 रन बनाम वेस्टइंडीज (2013) 
भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत के बाद सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री से लेकर बॉलीवुड सितारों तक, सभी ने महिला टीम के जज्बे और प्रदर्शन की सराहना की। क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट की दिशा और दशा दोनों बदल सकती है।
कोच अमोल मजूमदार ने मैच के बाद कहा, “यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि टीम की मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास का नतीजा है। हमारे खिलाड़ी अब किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते।”
इस जीत के साथ भारत ने पहली बार महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई है, जहां उसका सामना इंग्लैंड से होने की संभावना है। टीम का आत्मविश्वास इस समय चरम पर है, और जिस तरह से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज को मात दी, उससे यह तय है कि यह फाइनल मुकाबला ऐतिहासिक होने वाला है।
भारतीय महिला टीम की इस जीत ने न केवल क्रिकेट प्रशंसकों के दिल जीत लिए हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी बन गई है। टीम इंडिया ने यह साबित कर दिया है कि अगर आत्मविश्वास, रणनीति और टीम स्पिरिट मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
भारत का यह ऐतिहासिक रन चेज आने वाले वर्षों तक क्रिकेट जगत में याद रखा जाएगा। महिला क्रिकेट अब सिर्फ “जेंटलमैन गेम” की परिभाषा नहीं रहा, बल्कि “वूमन पॉवर” की चमक से दमकता हुआ नया युग बन चुका है।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






