• Create News
  • Nominate Now

    अलीगढ़ में 70 परिवार बेघर: एडीए की कार्रवाई के खिलाफ कॉलोनीवालों ने किया प्रदर्शन

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    अलीगढ़ के काशीराम आवास कॉलोनी में रहने वाले 70 गरीब परिवारों की जिंदगी इस हफ्ते अचानक कठिनाइयों से भर गई। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (ADA) की कार्रवाई के बाद ये परिवार सड़क पर आ गए हैं और खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी नोटिस और चेतावनी के उनके घरों से बाहर निकाला गया।

    कॉलोनी के निवासी बताते हैं कि वे लंबे समय से काशीराम आवास में रह रहे थे और अपने छोटे-छोटे घरों में परिवार के साथ रहते थे। अचानक ADA की टीम द्वारा किए गए कार्यवाही ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। जब लोग बाहर निकाले गए, तो उन्होंने तुरंत विरोध स्वरूप प्रदर्शन करना शुरू कर दिया

    प्रदर्शन के दौरान कॉलोनीवासियों ने सरकार और ADA के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है और उनके अधिकारों की अनदेखी की गई है। कई लोगों ने कहा कि बिना नोटिस के ऐसा करना अवैध और अमानवीय है, क्योंकि गरीब परिवारों के पास कहीं और जाने के साधन नहीं हैं।

    स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और अधिकारियों से मांग की कि बेघर हुए परिवारों को अस्थायी आवास प्रदान किया जाए। उनका कहना था कि इस तरह के निर्णय से गरीबों की जिंदगी और कठिन हो जाती है। “हमने ADA को कई बार अनुरोध किया था कि कार्रवाई से पहले किसी को उचित सूचना दी जाए, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।

    इस घटना से कॉलोनी का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। विरोध प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उनके पास खाने-पीने और रहने की मूलभूत सुविधाओं की कमी है और एडीए की कार्रवाई से उनका जीवन मुश्किल हो गया है।

    ADA के अधिकारियों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया और नियमों के तहत की गई है। उनका कहना था कि कॉलोनी के कुछ हिस्से अवैध निर्माण क्षेत्र में आते हैं, जिसके चलते उन्हें हटाने की आवश्यकता थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे प्रभावित परिवारों को स्थायी समाधान देने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए समय लगेगा।

    विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अचानक कार्रवाई से सामाजिक और आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। गरीब परिवारों के लिए उनका घर केवल आश्रय का साधन नहीं है, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का आधार भी है। जब इसे बिना चेतावनी के छीना जाता है, तो वे मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रभावित होते हैं।

    स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। कॉलोनीवासियों ने पुलिस को आश्वासन दिया कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन उन्होंने सरकार से फौरन हस्तक्षेप की मांग की।

    इस घटना ने अलीगढ़ में आवासीय सुरक्षा और गरीबों के अधिकारों पर बहस को भी तेज कर दिया है। नागरिक संगठनों ने कहा कि सरकार को गरीब परिवारों के लिए पुनर्वास योजना के बिना किसी को घर से निकालने से बचना चाहिए। उनका कहना है कि यह कदम समाज में असमानता और तनाव को और बढ़ा सकता है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    RBI अपडेट: गुलाबी नोटों की कहानी जारी, 2000 रुपये के नोट अभी भी मान्य, जानें पूरा अपडेट

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा अपडेट के अनुसार, गुलाबी रंग के 2000 रुपये के नोट की कहानी अब…

    Continue reading
    आगरा धर्मांतरण कांड: मुख्य आरोपी की फरारी पर बढ़ा आक्रोश, बजरंग दल ने जारी किया 7 दिन का अल्टीमेटम

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अवैध धर्मांतरण को लेकर हाल ही में सामने आए मामले ने शहर की सामाजिक…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *