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बॉलीवुड अभिनेता सोहम शाह और नुसरत भरूचा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘उफ्फ ये स्यापा’ अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म ने अपने अनोखे कॉन्सेप्ट और साइलेंट कॉमेडी फॉर्मेट से दर्शकों का ध्यान खींच लिया है। यह फिल्म उन चुनिंदा भारतीय फिल्मों में से एक है जिसमें बिना डायलॉग के कहानी को एक्सप्रेशन, इमोशन और म्यूजिक के ज़रिए बयां किया गया है।
‘उफ्फ ये स्यापा’ को एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर कहा जा सकता है, जिसमें पति, पत्नी और पड़ोसी के बीच घटने वाली घटनाएं एक अजीब मोड़ ले लेती हैं — और कहानी वहां से निकलती है जहां दो लाशें रहस्यमय तरीके से सामने आती हैं।
फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है सोहम शाह और नुसरत भरूचा के किरदार से, जो एक विवाहित जोड़ा हैं। दोनों के बीच रिश्तों में खटास है और उनके घर में पड़ोसी के रूप में प्रवेश करते हैं शारिब हाशमी, जिनकी उपस्थिति से कहानी में एक नया मोड़ आता है। आगे चलकर कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जो सब कुछ बदल देती हैं।
फिल्म में बिना संवाद के हास्य और सस्पेंस पैदा करना निर्देशक के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एक्सप्रेशन-आधारित एक्टिंग इस कमी को पूरी तरह पूरा करती है। हर किरदार अपने चेहरे के हावभाव और बॉडी लैंग्वेज के ज़रिए कहानी को जीवंत बनाता है।
नुसरत भरूचा ने एक बार फिर अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। उन्होंने एक ऐसी पत्नी की भूमिका निभाई है जो एक पल में भोली लगती है और अगले ही पल रहस्यमयी। वहीं सोहम शाह का अभिनय फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी है। उनके एक्सप्रेशन और टाइमिंग इस साइलेंट फिल्म में जान डाल देते हैं।
शारिब हाशमी अपने कॉमिक और नेचुरल अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं, और इस फिल्म में उन्होंने वही जादू दोहराया है। उनकी एंट्री के बाद कहानी में सस्पेंस और हंसी का मिश्रण और गहरा हो जाता है। इसके अलावा, फिल्म में नोरा फतेही का स्पेशल अपीयरेंस भी है, जो एक दिलचस्प ट्विस्ट लेकर आती हैं।
फिल्म के निर्देशक ने इसे एक साइलेंट डार्क कॉमेडी थ्रिलर के रूप में पेश किया है, जहां बिना बोले ही किरदारों की कहानी दर्शक को बांधकर रखती है। बैकग्राउंड म्यूजिक और साउंड इफेक्ट्स फिल्म का असली हीरो हैं। हर सीन में ध्वनि का उपयोग कहानी के मूड को और भी गहराई देता है।
‘उफ्फ ये स्यापा’ की सिनेमेटोग्राफी भी काफी प्रभावशाली है। फिल्म के हर फ्रेम में एक कलात्मक अप्रोच झलकती है — चाहे वो घर की लोकेशन हो, लाइटिंग हो या कैमरा एंगल्स। ये सभी तत्व मिलकर फिल्म को विजुअली आकर्षक बनाते हैं।
फिल्म का सबसे खास पहलू यह है कि यह दर्शकों को खुद से सोचने का मौका देती है। संवादों के अभाव में दर्शक हर सीन को अपने तरीके से महसूस करते हैं, जिससे यह अनुभव और भी गहरा बन जाता है।
फिल्म की कहानी के साथ-साथ इसका सस्पेंस दर्शकों को आखिर तक बांधे रखता है। अंत तक यह पता नहीं चलता कि कौन सही है और कौन दोषी। यही रहस्य फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज डेट और डिटेल्स:
‘उफ्फ ये स्यापा’ अब Amazon Prime Video पर स्ट्रीम हो रही है। दर्शक इसे हिंदी के साथ-साथ कुछ अन्य भाषाओं में भी देख सकते हैं। फिल्म का रनटाइम करीब 1 घंटा 50 मिनट है और यह एडल्ट कॉमेडी कैटेगरी में रखी गई है।
फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ दर्शकों ने इसे भारतीय सिनेमा का नया प्रयोग बताया है, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि बिना डायलॉग वाली फिल्म हर किसी के लिए नहीं है। लेकिन यह तय है कि जो दर्शक कुछ अलग और यूनिक देखने के शौकीन हैं, उनके लिए यह फिल्म एक खास अनुभव साबित होगी।








