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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने राजधानी दिल्ली में रेड फोर्ट के भीतर स्थित मुगलकालीन बाजार को पुनर्जीवित कर एक ऐतिहासिक पहल शुरू की है। यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत करने का भी एक प्रयास है।
रेड फोर्ट, जो मुगलकालीन स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, अब अपने पुराने गौरव और व्यावसायिक गतिविधियों की झलक प्रदान करेगा। ASI ने बाजार को इस तरह डिज़ाइन किया है कि आगंतुक मुगलकालीन “ट्रेडिंग टाइम” का अनुभव कर सकें। इसका मतलब है कि पुराने समय की तरह विभिन्न दुकानों और स्टालों पर हस्तशिल्प, कपड़ा, आभूषण, मसाले और अन्य पारंपरिक वस्तुएं बेची और खरीदी जाएंगी।
मुगलकालीन बाजार का महत्व
मुगल साम्राज्य के दौरान दिल्ली के रेड फोर्ट के आसपास स्थित बाजार शहर की आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं। यह बाजार सिर्फ व्यापार का केंद्र नहीं था, बल्कि यहां कला, शिल्प और संस्कृति का भी आदान-प्रदान होता था। ASI का उद्देश्य अब इस ऐतिहासिक बाजार को आधुनिक आगंतुकों के लिए जीवंत करना और उन्हें इतिहास के साथ जोड़ना है।
ट्रेडिंग टाइम अनुभव
ASI ने इस पहल को और आकर्षक बनाने के लिए बाजार में मुगलकालीन ट्रेडिंग टाइम का अनुभव जोड़ा है। इसका मतलब है कि आगंतुक न केवल वस्तुएं देखेंगे और खरीदेंगे, बल्कि वे देख सकेंगे कि कैसे पुराने समय में खरीद-बिक्री होती थी। पारंपरिक वेशभूषा में स्टॉल संचालक, पुराने मुद्रा और लेन-देन के तरीके, सभी को प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके अलावा, इस अनुभव में मुगल संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प प्रदर्शन भी शामिल हैं। आगंतुकों को यह एहसास होगा कि वे वास्तव में इतिहास के एक जीवंत हिस्से में प्रवेश कर चुके हैं।
पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व
रेड फोर्ट में मुगलकालीन बाजार के पुनर्जीवन से न केवल स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा, बल्कि यह दिल्ली के सांस्कृतिक पर्यटन को भी मजबूत करेगा। ASI के अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को भी रोजगार और व्यवसाय बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
विशेष रूप से पर्यटक उन वस्तुओं और हस्तशिल्प उत्पादों को खरीद सकेंगे जो सीधे स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए हैं। इससे न केवल सांस्कृतिक विरासत की रक्षा होगी, बल्कि पारंपरिक कारीगरी का व्यवसाय भी जीवित रहेगा।
ASI का दृष्टिकोण
ASI के अधिकारियों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल इमारतों और स्मारकों की सुरक्षा नहीं है, बल्कि उन्हें सक्रिय और उपयोगी बनाने का भी है। मुगलकालीन बाजार का पुनर्जीवन इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह पहल आने वाले समय में और भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और ऐतिहासिक प्रदर्शनियों के लिए आधार बनेगी।
आगंतुकों की प्रतिक्रिया
पहली नजर में ही आगंतुकों ने इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उन्हें सीधे इतिहास में ले जाता है और उन्हें यह समझने में मदद करता है कि मुगलकालीन बाजार न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से कितना महत्वपूर्ण था।
रेड फोर्ट में मुगलकालीन बाजार का पुनर्जीवन न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि यह दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ASI की इस पहल से स्थानीय कारीगरों, पर्यटन उद्योग और देश की सांस्कृतिक धरोहर सभी को लाभ मिलेगा।
यह अनुभव आगंतुकों को न केवल खरीदारी का मौका देगा, बल्कि उन्हें मुगलकालीन व्यापार, कला और संस्कृति के अद्भुत मिश्रण का भी अहसास कराएगा। जैसे ही रेड फोर्ट का यह नया पहलु जनता के सामने आएगा, यह निश्चित रूप से दिल्ली के पर्यटन मानचित्र पर एक नई चमक जोड़ देगा।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






