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पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान Michael Clarke ने हाल ही में अपनी दर्दनाक लड़ाई स्किन कैंसर से साझा की है। Clarke ने बताया कि उन्होंने अब तक अपने चेहरे से सात कैंसर स्पॉट्स को सर्जरी के जरिए हटवाया है, जिसमें हाल ही में उनकी नाक से भी एक स्पॉट निकाला गया। Clarke ने कहा कि ये निशान छिपाए नहीं जा सकते, और यह अनुभव दूसरों के लिए चेतावनी और जागरूकता का संदेश भी है।
Clarke ने यह खुलासा ‘The Kyle and Jackie O’ शो में किया, जहाँ उन्होंने बताया कि उन्हें हर छह महीने में अपनी त्वचा की जांच और आवश्यक उपचार के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाना पड़ता है। उन्होंने कहा,
“मेरे चेहरे से कई स्पॉट्स काटे गए हैं। करीब चार हफ्ते पहले नाक से भी एक हटाया गया। मैं हर छह महीने में अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से जांच कराता हूं।”
पूर्व कप्तान ने बताया कि उनकी त्वचा पर जो धूप के धब्बे आते हैं, उन्हें सामान्यतः फ्रीज या कट कर हटाया जाता है, और अब तक उन्होंने अपने चेहरे से कुल सात स्पॉट्स हटवाए हैं। Clarke ने यह भी कहा कि निशान छुपाना मुश्किल है, और यह उनके लिए व्यक्तिगत संघर्ष का हिस्सा रहा है।
Clarke ने अपनी स्किन कैंसर की जाँच और उपचार का कारण अपनी क्रिकेटिंग लाइफ में सूरज के संपर्क को बताया। उन्होंने कहा,
“मुझे हैरानी नहीं है कि कई क्रिकेटरों को स्किन कैंसर हुआ है। हम लंबे समय तक धूप में रहते हैं। भारत में पूरे दिन फील्डिंग करना, ढेरों घंटे सूरज के नीचे रहना, छोटे हाथ की शर्ट और कानों की सुरक्षा न होना – यह सब जोखिम बढ़ाता है।”
उन्होंने बताया कि अपने पूरे करियर में उन्होंने सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर किया, लेकिन汗 और लंबे समय तक धूप में रहने की वजह से इसकी सुरक्षा पर्याप्त नहीं रही। Clarke ने कहा,
“मैं हमेशा सनस्क्रीन लगाता रहा, लेकिन पसीने के कारण यह हट जाता था।”
Michael Clarke ने ऑस्ट्रेलिया को 2015 ODI विश्व कप जीत दिलाई थी। उनका पहला स्किन कैंसर का सामना 2006 में हुआ, जब चेहरा और छाती पर संदिग्ध स्पॉट्स पाए गए। Clarke ने इन स्पॉट्स को तुरंत सर्जरी द्वारा हटवाया। इसके बाद कई वर्षों तक उन्हें फorehead और chest पर कई सर्जिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा।
अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में Clarke ने 115 टेस्ट, 245 ODI और 34 T20I मैच खेले और 17,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए। उन्होंने 2015 में, उम्र 34 वर्ष में, इंग्लैंड के खिलाफ Ashes श्रृंखला के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
Clarke का मानना है कि क्रिकेटरों और अन्य लोगों को धूप में समय बिताने के दौरान सुरक्षा और नियमित स्किन जांच की आदत डालनी चाहिए। उनका कहना है कि सही समय पर जांच और सतर्कता, स्किन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती है।
उन्होंने कहा,
“यह मेरे लिए व्यक्तिगत लड़ाई रही है, लेकिन मैं चाहता हूँ कि लोग मेरी कहानी से सीख लें। धूप में समय बिताने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से जाँच कराते रहें।”
Michael Clarke की यह कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर के स्वास्थ्य संघर्ष का नहीं, बल्कि सतर्कता और जागरूकता का संदेश भी देती है। स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए Clarke ने यह साबित किया कि समय पर इलाज और सतर्कता ही जीवन को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा हथियार है।
इस संघर्ष और अनुभव ने Clarke को न केवल क्रिकेट में बल्कि जीवन में भी जागरूक और प्रेरित बनाया है। उनके चेहरे के निशान उनके करियर और व्यक्तिगत जीवन के साहस और लड़ाई की कहानी कह रहे हैं।








