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मुंबई के निवासियों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। शहर में जाम और लंबी यात्रा से परेशान लोगों के लिए अब ‘बोरीवली-ठाणे ट्विन टनल प्रोजेक्ट’ नई उम्मीद लेकर आ रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने के बाद बोरीवली से ठाणे तक का डेढ़ घंटे का सफर महज 15 मिनट में तय किया जा सकेगा। यह सुरंग न केवल ट्रैफिक की समस्या को कम करेगी बल्कि वेस्टर्न एक्सप्रेसवे और घोड़बंदर रोड को सीधे जोड़ने में भी मदद करेगी।
परियोजना के अंतर्गत बोरीवली से ठाणे के बीच लगभग 11.8 किलोमीटर लंबी डबल टनल का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग बोरीवली के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को ठाणे के घोड़बंदर रोड से जोड़ेगी। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि इसका एक हिस्सा संजय गांधी नेशनल पार्क (SGNP) के नीचे से होकर गुजरेगा, जिससे पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा। यह सुरंग अत्याधुनिक तकनीक से तैयार की जा रही है ताकि इसकी सुरक्षा, मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित किया जा सके।
इस परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है मीरा रोड स्थित कास्टिंग यार्ड, जो 22.6 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है। यही वह स्थान है जहां सुरंग निर्माण के लिए आवश्यक कंक्रीट ब्लॉक्स, पैरापेट्स और बीम तैयार किए जाएंगे। इनमें से करीब 5 एकड़ भूमि पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) के अंतर्गत आती है, जो संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। परियोजना प्राधिकरणों ने यह सुनिश्चित किया है कि निर्माण गतिविधियों के दौरान पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा ताकि उद्यान की जैव विविधता और वन्यजीवों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
परियोजना के तहत भूमिगत सुरंग में अत्याधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम, सेफ्टी एग्जिट्स, अग्नि सुरक्षा उपाय और निगरानी कैमरों की भी व्यवस्था की जाएगी। सुरंग के भीतर अत्याधुनिक लाइटिंग और ड्रेनेज सिस्टम भी होगा, जिससे यात्रा के दौरान किसी प्रकार की समस्या न आए। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने इस परियोजना को अगले कुछ वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
बोरीवली-ठाणे ट्विन टनल से मुंबई के पश्चिम और मध्य उपनगरों के बीच यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। वर्तमान में बोरीवली से ठाणे पहुंचने में जहां डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं, वहीं टनल के बनने के बाद यह दूरी मात्र 15 से 20 मिनट में तय की जा सकेगी। इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ईंधन की खपत और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने इस परियोजना को लेकर उत्साह व्यक्त किया है। उनका मानना है कि यह टनल मुंबई के यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार लाएगी। वहीं पर्यावरणविदों का कहना है कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। परियोजना प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि कास्टिंग यार्ड और सुरंग निर्माण के दौरान वनस्पति और जीव-जंतुओं को किसी तरह की हानि नहीं होगी।
यह परियोजना मुंबई के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। पश्चिमी और मध्य मुंबई के बीच इस तेज़ संपर्क मार्ग से आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। ठाणे, बोरीवली, कांदिवली और घोड़बंदर जैसे इलाकों में रियल एस्टेट और व्यवसायिक विकास को भी नई रफ्तार मिलने की संभावना है।
आने वाले कुछ वर्षों में जब यह सुरंग पूरी तरह तैयार हो जाएगी, तब मुंबईवासियों को ट्रैफिक की मार झेलने से काफी राहत मिलेगी। बोरीवली-ठाणे ट्विन टनल न केवल यात्रा को तेज़ और सुरक्षित बनाएगी बल्कि शहर के सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।








