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पुणे जिले में स्थानीय निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि जिले की 14 नगरपालिका परिषदों और 3 नगर पंचायतों के लिए मतदान 2 दिसंबर 2025 को होगा। इस निर्णय के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ गई है और स्थानीय स्तर पर प्रचार अभियान शुरू हो गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इन चुनावों में सैकड़ों उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। मतदान प्रक्रिया के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। आयोग ने बताया कि चुनाव पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त की जाएगी।
कहां-कहां होंगे चुनाव?
जिन 14 नगरपालिका परिषदों में मतदान होना है, उनमें बारामती, इंदापुर, दौंड, शिरूर, भोर, जुन्नर, अंबेगांव, लोनावला, पिरंगुट, तालेगांव, मुरूम, राजगुरुनगर, खेड और उरुली जैसे प्रमुख नगर शामिल हैं। इसके अलावा, तीन नगर पंचायतें — पावना नगर, मुळशी और चाकण — में भी चुनाव होंगे।
इन सभी निकायों का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ था, जिसके चलते यह चुनाव अनिवार्य हो गए हैं।
स्थानीय मुद्दे बनेंगे चुनावी केंद्र
इन निकाय चुनावों में जनता के लिए मुख्य मुद्दे होंगे — पानी की सप्लाई, सड़क निर्माण, सफाई व्यवस्था, जल निकासी और रोजगार के अवसर। कई क्षेत्रों में नागरिक लगातार पेयजल और कचरा निपटान की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए मतदाता इस बार स्थानीय नेतृत्व के कामकाज के आधार पर वोट डालने का मन बना रहे हैं।
पुणे जिले की अर्ध-शहरी परिषदों में औद्योगिक विकास तेजी से हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही नागरिक सुविधाओं पर दबाव भी बढ़ा है। इस कारण मतदाता ऐसे प्रतिनिधियों की तलाश में हैं जो वास्तविक विकास कर सकें।
राजनीतिक दलों में बढ़ी हलचल
बीजेपी, एनसीपी (अजीत पवार गुट और शरद पवार गुट), शिवसेना (शिंदे और ठाकरे गुट), और कांग्रेस — सभी प्रमुख दल इस चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पुणे जिला हमेशा से महाराष्ट्र की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। खासकर बारामती, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का गढ़ माना जाता है, वहां की नगर परिषद का चुनाव विशेष रूप से चर्चा में रहेगा।
बीजेपी ने इन चुनावों में “विकास के लिए डबल इंजन सरकार” का नारा दिया है, जबकि महा विकास आघाड़ी (MVA) इसे “जनता के अधिकार की लड़ाई” बता रही है।
चुनाव आयोग की तैयारियां
राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर CCTV निगरानी और EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का इस्तेमाल किया जाएगा। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
आयोग ने यह भी कहा कि दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर रैंप और व्हीलचेयर की व्यवस्था होगी।
चुनाव प्रचार में पर्यावरण की झलक
दिलचस्प बात यह है कि इस बार कई उम्मीदवारों ने पर्यावरण-हितैषी प्रचार अभियान अपनाया है। वे पोस्टर और बैनरों की जगह सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं ताकि प्लास्टिक कचरा न बढ़े।
युवाओं के बीच व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर स्थानीय मुद्दों को लेकर चर्चा तेज है। कई स्वतंत्र उम्मीदवार भी अपने सोशल मीडिया अभियानों के जरिये लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।
मतदाताओं की भूमिका होगी निर्णायक
इन स्थानीय निकायों के परिणाम इस बात का संकेत देंगे कि जनता राज्य सरकार के प्रदर्शन को लेकर क्या सोचती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनावों के नतीजे 2026 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।








