




ड्यूश बैंक और ब्लूमबर्ग ने भारतीय जीडीपी में तेज़ उछाल का जताया भरोसा, सब्सिडी में कमी और टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी को माना मुख्य कारण।
नई दिल्ली, 23 मई 2025: भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर तेज़ी के रास्ते पर है। जर्मनी के प्रमुख वित्तीय संस्थान ड्यूश बैंक ने अनुमान जताया है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 6.8% रह सकती है। यह वृद्धि सब्सिडी में भारी कमी और टैक्स कलेक्शन में इजाफे के चलते मुमकिन मानी जा रही है।
ड्यूश बैंक के भारत, मलेशिया और साउथ एशिया के चीफ इकोनॉमिस्ट कौशिक दास के अनुसार, इस वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव और मजबूत हो रही है।
GVA बनाम GDP – क्या है अंतर?
कौशिक दास ने बताया कि चौथी तिमाही में GVA (सकल मूल्य वर्धित) ग्रोथ 6.5% रह सकती है, जबकि GDP ग्रोथ 6.8% अनुमानित है। इस अंतर की मुख्य वजह 2024 की समान तिमाही की तुलना में सब्सिडी वितरण में 44% की गिरावट है। इससे टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है, जिससे GDP आंकड़ा GVA से अधिक आ सकता है।
ब्लूमबर्ग का समर्थन
ब्लूमबर्ग ने भी ड्यूश बैंक के इस पूर्वानुमान का समर्थन किया है। उसने GDP के लिए 6.8% और GVA के लिए 6.4% ग्रोथ का अनुमान जताया है।
IMMI इंडिकेटर भी सकारात्मक
ड्यूश बैंक का इंडिया मैक्रोइकोनॉमिक मोमेंटम इंडिकेटर (IMMI) भी इस अनुमान की पुष्टि करता है। यह इंडिकेटर पांच प्रमुख आर्थिक संकेतकों जैसे इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, बैंक क्रेडिट आदि को ट्रैक करता है और यह भी 6.8% ग्रोथ को सपोर्ट कर रहा है।
हालांकि, अंतिम सरकारी आंकड़े 30 मई 2025 को जारी होंगे, तब वास्तविक स्थिति का खुलासा होगा।
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