




रूस ने पाक मीडिया के 2.6 अरब डॉलर की स्टील प्लांट डील के दावे को बताया झूठा, कहा- भारत से रिश्ते खराब करने की साजिश।
नई दिल्ली: पाकिस्तान मीडिया में पिछले दिनों यह दावा किया गया था कि रूस और पाकिस्तान के बीच कराची में सोवियत युग के स्टील प्लांट को पुनर्जीवित करने के लिए 2.6 अरब डॉलर की डील हुई है। लेकिन अब रूस ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। रूस का कहना है कि यह पूरी तरह से अफवाह है और इसका मकसद सिर्फ भारत और रूस के संबंधों को बिगाड़ना है।
रूसी मीडिया और अधिकारियों ने दी सफाई
रूसी न्यूज़ एजेंसी ‘स्पुतनिक इंडिया‘ ने स्पष्ट किया है कि इस कथित डील को लेकर कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं है।
स्पुतनिक ने कहा कि रूस और पाकिस्तान के बीच बातचीत तो हुई है, लेकिन कोई अरबों डॉलर की डील नहीं हुई है।
रूसी अधिकारी ने पाक मीडिया के दावे पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक व्यक्ति का सनसनी फैलाने वाला दावा है, जिससे भारत-रूस के मजबूत रिश्ते प्रभावित हों।”
क्या था पाक मीडिया का दावा?
१. पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि रूस और पाकिस्तान ने 1970 के दशक में बने पाकिस्तान स्टील प्लांट को फिर से शुरू करने के लिए 2.6 बिलियन डॉलर की डील साइन की है।
२. यह वही स्टील प्लांट है जिसे सोवियत संघ ने डिजाइन किया था और फंडिंग भी दी थी।
३. दावा यह भी किया गया कि इस डील से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
रूस का दो टूक इनकार
१. रूस की ओर से कहा गया कि ऐसा कोई करार नहीं हुआ है और यह पूरी खबर मनगढ़ंत है।
२. रूस ने इसे भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को कमजोर करने की कोशिश बताया।
३. खासकर पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद रूस ने भारत के आतंकवाद विरोधी कदमों का समर्थन किया है।
भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी और भी मजबूत
१. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था।
२. रूस ने उस वक्त बयान जारी कर कहा था कि भारत को आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने का पूरा अधिकार है।
३. इस घटनाक्रम ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है।
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