




ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में I.N.D.I.A गठबंधन के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई गई है।
बैठक का एजेंडा और शामिल नेता
नई दिल्ली: 3 जून, मंगलवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्षी दलों के प्रमुख नेता ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार की चुप्पी पर चर्चा करने के लिए एकजुट हुए हैं। बैठक में जयराम रमेश, संजय राउत, रामगोपाल यादव, मनोज झा और डेरेक ओ’ब्रायन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हो चुके हैं।
बैठक के बाद दोपहर 12:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें संसद सत्र की मांग पर संयुक्त रणनीति की घोषणा संभव है।
PM को भेजा गया पत्र, 200 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर
सूत्रों के मुताबिक, संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए एक पत्र तैयार किया गया है, जिस पर लोकसभा के 200 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र को आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक किया जा सकता है।
ऑल पार्टी डेलिगेशन की वापसी के बाद बहस की तैयारी
सरकार की ओर से सात ऑल पार्टी डेलिगेशन को विदेश भेजा गया है ताकि ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल किया जा सके। विपक्ष का इरादा है कि जैसे ही ये प्रतिनिधिमंडल लौटे, संसद में इस मुद्दे पर खुली बहस कराई जाए।
मनोज झा का आरोप: जनता को अंधेरे में रखा जा रहा है
राजद सांसद मनोज कुमार झा ने पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि जनता को सरकार के फैसलों की जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप बार-बार मध्यस्थता की बात करते हैं, लेकिन भारत सरकार चुप्पी साधे हुए है।”
CDS के बयान से उठा विवाद
CDS जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में कहा, “मुद्दा यह नहीं कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?”
कांग्रेस ने इस बयान को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए आरोप लगाया कि सरकार जानकारियां छिपा रही है।
खड़गे और ममता बनर्जी ने की विशेष सत्र की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी विशेष सत्र की मांग की है।
खड़गे ने सोशल मीडिया पर पूछा:“क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर दोस्त बन गए हैं? संघर्षविराम की शर्तें क्या थीं?”
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