




शिमला समझौते को ‘Dead Document’ कहकर फंसा पाकिस्तान, अब भारत के पास PoK पर फिर से दावा करने का अवसर।
नई दिल्ली, 5 जून 2025: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत-पाक के बीच हुए ऐतिहासिक शिमला समझौते (1972) को “Dead Document” बता दिया है। उनके इस बयान ने भारत के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के चुंब सेक्टर पर फिर से दावा करने का रास्ता साफ कर दिया है।
शिमला समझौते का अंत, भारत के लिए मौका
पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि शिमला समझौता अब समाप्त हो गया है और यह अब कोई प्रभावी दस्तावेज नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने LoC को फिर से “सीजफायर लाइन” मानने की बात कही है, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अब किसी भी द्विपक्षीय समझौते का पालन नहीं कर रहा।
भारत के पास फिर से दावा करने का अधिकार
1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर के चुंब सेक्टर पर कब्जा किया था, जिसे शिमला समझौते के तहत अस्थायी रूप से पाकिस्तान के नियंत्रण में रहने दिया गया था। अब जब पाकिस्तान ने इस समझौते को ही खत्म करार दिया है, तो भारत के पास यह दावा करने का नैतिक और कानूनी आधार है कि चुंब भारत का अभिन्न हिस्सा है।
चुंब क्यों है महत्वपूर्ण?
१. चुंब सेक्टर रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है।
२. 1949 के सीजफायर एग्रीमेंट के अनुसार यह भारत का हिस्सा था।
३. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान ने दोबारा कब्जा कर लिया और इसका नाम इफ्तिकाराबाद कर दिया।
४. शांति समझौते के नाम पर इसे पाकिस्तान को सौंपा गया था, लेकिन अब वही समझौता खत्म हो गया है।
चुंब के विस्थापितों को न्याय का रास्ता
पाकिस्तानी कब्जे के बाद हजारों परिवार भारत की ओर पलायन कर गए थे, जिन्हें आज तक उनका हक नहीं मिल पाया। अब भारत को एक बार फिर मौका मिला है कि वह न केवल कूटनीतिक स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाए।
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