




भारत द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आज 30 दिन पूरे हो गए हैं। 7 मई, 2025 को हुए इस बड़े सैन्य अभियान के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। चलिए जानते हैं कि इस एक महीने के दौरान दोनों देशों में क्या-क्या बदला।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने बदला लेने के लिए 6-7 मई की रात पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ चलाया। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के अंदर और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के करीब 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। भारत के इस कड़े कदम के जवाब में पाकिस्तान ने भी मिसाइल और ड्रोन अटैक किए, जिनका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
सिंधु जल समझौता स्थगित
पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद ही भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को स्थगित कर दिया।
इस फैसले का सीधा असर पाकिस्तान की सिंध और पंजाब प्रांत की खेती-किसानी पर पड़ने वाला है, क्योंकि समझौते के तहत भारत से मिलने वाला पानी अब रोका जा रहा है। पाकिस्तान को इससे कृषि क्षेत्र में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एयरस्पेस बंद, आर्थिक नुकसान
भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के बाद पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस पूरी तरह बंद कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी अपना एयरस्पेस पाकिस्तान के लिए बंद कर दिया।
हालांकि, इस फैसले से पाकिस्तान को ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस पाकिस्तान के एयरस्पेस के उपयोग के बदले बड़ी रकम देती थीं, जो अब नहीं मिल रही है।
भारत-पाकिस्तान के व्यापार पर असर
पहले ही पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान व्यापार सीमित रह गया था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए।
यह फैसला तीसरे पक्ष के जरिए होने वाले व्यापार पर भी लागू हुआ है। इससे पाकिस्तान को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा आ रही है और वहां महंगाई बढ़ने के आसार हैं।
पाकिस्तान की वैश्विक साख को झटका
भारत ने इस हमले के बाद एक संगठित कूटनीतिक अभियान चलाया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कई देशों में जाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के सबूत साझा किए।
इस कूटनीतिक प्रयास का असर दिखा— कई तटस्थ देश भी अब भारत के पक्ष में आते नजर आ रहे हैं और पाकिस्तान की आलोचना हो रही है।
पाकिस्तान को IMF से लोन
हालांकि इस माहौल में पाकिस्तान को IMF से 2.4 अरब डॉलर का लोन मिलने की मंजूरी मिल गई है। भारत ने इस लोन के विरोध में कड़ा पक्ष रखा था, लेकिन पाकिस्तान ने यह लोन हासिल करने में सफलता पाई।
यह भारत के लिए एक कूटनीतिक चुनौती जरूर बनी है, क्योंकि पाकिस्तान को इससे थोड़ी राहत मिल सकती है।
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