




नासिक के किशोर निकम को शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘आइकोनिक एजुकेटर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार मिला।
Success Story: आज के डिजिटल युग में जहां शिक्षा प्रणाली तेजी से बदल रही है, वहीं नासिक के नांदगांव के रहने वाले किशोर निकम ने पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा के संतुलन से एक नई मिसाल कायम की है। गुरुकुल क्लासेस के डायरेक्टर किशोर निकम को ‘आइकोनिक एजुकेटर ऑफ द ईयर’ श्रेणी में नेशनल आइकॉन अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया है।
यह सम्मान न केवल उनके उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में उनके योगदान का भी प्रमाण है। किशोर निकम शिक्षा को केवल अंक अर्जित करने का माध्यम नहीं मानते, बल्कि वह इसे चरित्र निर्माण और मानसिकता को मजबूत करने का जरिया मानते हैं।
गुरु बनने की यात्रा
नांदगांव जैसे छोटे शहर से आने वाले किशोर निकम ने अपने सफर की शुरुआत बहुत साधारण तरीके से की थी। उन्होंने गुरुकुल क्लासेस की स्थापना इस उद्देश्य से की थी कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। उस समय छोटे शहरों के बच्चों को बेहतर कोचिंग और मार्गदर्शन मिलना बहुत कठिन था।
शुरुआत में कुछ ही छात्रों के साथ शुरू हुई गुरुकुल क्लासेस, आज नासिक जिले की जानी-मानी शिक्षण संस्था बन चुकी है। किशोर निकम की व्यक्तिगत गाइडेंस, अनुशासित शिक्षा प्रणाली और प्रेरणादायक शिक्षण शैली के चलते आज गुरुकुल क्लासेस से सैकड़ों डॉक्टर, इंजीनियर और विद्वान निकल चुके हैं।
पढ़ाई ही नहीं, सोच भी बदलना है लक्ष्य
किशोर निकम का मानना है कि शिक्षा सिर्फ नंबर लाने के लिए नहीं होती, बल्कि सोच बदलने के लिए होती है। उनकी कक्षाओं में विद्यार्थी केवल फॉर्मूले नहीं सीखते, बल्कि जीवन के मूल्यों को भी आत्मसात करते हैं। गुरुकुल क्लासेस में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और आत्मविश्वास भी दिया जाता है ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
नवाचार के साथ परंपरा का संतुलन
हालांकि किशोर निकम की शिक्षा प्रणाली परंपरागत मूल्यों पर आधारित है, लेकिन उन्होंने समय के साथ नवाचार को भी अपनाया है। उन्होंने स्मार्ट क्लासेस, ऑनलाइन डाउट सेशन और पैरेंट-काउंसलिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं शुरू की हैं।
COVID-19 महामारी के दौरान जब शिक्षा व्यवस्था ठप हो गई थी, तब उन्होंने हाइब्रिड लर्निंग को तेजी से लागू कर यह सुनिश्चित किया कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई न रुके। उनकी इस तत्परता की छात्रों और अभिभावकों ने सराहना की थी।
एक प्रेरणादायक विरासत
नेशनल आइकॉन अवॉर्ड 2025 किशोर निकम के लिए केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि उन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा है जो सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहते बल्कि अपने छात्रों के भविष्य को आकार देते हैं।
उनकी कहानी यह दिखाती है कि अगर एक शिक्षक सच्चे मन से प्रयास करे तो वह पूरी पीढ़ी को बदल सकता है। किशोर निकम ने शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का जो प्रयास किया है, वह वास्तव में अनुकरणीय है।
भारत को गर्व है
किशोर निकम जैसे शिक्षकों पर पूरे भारत को गर्व है। उनकी शिक्षा देने की शैली, उनकी दूरदर्शिता और उनकी सेवा भावना आने वाली पीढ़ियों को बेहतर नागरिक बनाने में मदद करती रहेगी।
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