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    भारत में 28 अगस्त 2025: सोने की कीमतों में वृद्धि, प्रमुख शहरों में ताजा रेट्स

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    भारत में 28 अगस्त 2025 को सोने की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। यह बढ़ोतरी न केवल घरेलू मांग, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और आगामी त्योहारों के प्रभाव को भी दर्शाती है। सोना हमेशा भारतीय निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और पसंदीदा निवेश विकल्प रहा है। इसके अलावा, यह आभूषण उद्योग और आर्थिक गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में हम 18, 22 और 24 कैरेट सोने की ताजा कीमतों का विश्लेषण करेंगे, प्रमुख शहरों में इनकी दरों को समझेंगे और निवेशकों के लिए उपयोगी सुझाव देंगे।

    सोने की ताजा कीमतें

    28 अगस्त 2025 को सोने की कीमतों में इस प्रकार का परिवर्तन देखा गया:

    • 24 कैरेट सोना: ₹10,260 प्रति ग्राम (₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम)

    • 22 कैरेट सोना: ₹9,405 प्रति ग्राम (₹94,050 प्रति 10 ग्राम)

    • 18 कैरेट सोना: ₹7,695 प्रति ग्राम (₹76,950 प्रति 10 ग्राम)

    यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, घरेलू मांग और आने वाले त्योहारों के कारण हुई है। विशेष रूप से, गणेश चतुर्थी और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान सोने की मांग में वृद्धि देखी जाती है।

    प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें

    दिल्ली:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    मुंबई:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    चेन्नई:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    कोलकाता:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    बेंगलुरु:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    हैदराबाद:
    24 कैरेट सोना ₹1,02,600 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना ₹94,050 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोना ₹76,950 प्रति 10 ग्राम।

    इन प्रमुख शहरों में कीमतों का अंतर बहुत कम है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सोने के समान बाजार प्रभाव को दर्शाता है।

    कीमतों में वृद्धि के कारण

    1. वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ:
    अमेरिका और अन्य देशों में आर्थिक अस्थिरता के कारण निवेशक सुरक्षित संपत्ति की ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिका द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ में बदलाव और डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया।

    2. घरेलू मांग:
    भारत में त्योहारों के दौरान सोने की मांग में सामान्यतः वृद्धि होती है। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दीपावली जैसे उत्सवों में लोग आभूषण खरीदते हैं, जिससे बाजार में सोने की मांग बढ़ जाती है।

    3. MCX बाजार की बंदी:
    MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) के कुछ समय के लिए बंद रहने से सोने और चांदी की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव देखा गया। इससे निवेशकों और व्यापारियों को अलर्ट मोड में रहने की आवश्यकता है।

    4. वैश्विक निवेश प्रवाह:
    सोने में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने से भी कीमतों में इजाफा हुआ है। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का वैश्विक स्तर पर अधिक मूल्य माना जाता है।

    निवेशकों के लिए सुझाव

    दीर्घकालिक निवेश:
    सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, खासकर आर्थिक अस्थिरता के समय में। लंबे समय के लिए निवेश करने पर सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर कम पड़ता है।

    समय का चयन:
    सोने की खरीदारी के लिए सही समय का चयन करना आवश्यक है। छोटे उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर निवेश करना लाभकारी हो सकता है।

    विविधता बनाए रखना:
    केवल सोने में निवेश करने की बजाय, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में अन्य संपत्तियों को शामिल करना चाहिए। इससे जोखिम कम होता है और निवेश का संतुलन बना रहता है।

    आभूषण बनाम निवेश सोना:
    निवेशक 22 कैरेट या 24 कैरेट सोना खरीदते समय यह ध्यान रखें कि आभूषण में जुड़ा श्रम और डिज़ाइन लागत मूल्य को प्रभावित कर सकता है। शुद्ध निवेश के लिए गोल्ड बार या कॉइन खरीदना अधिक उपयुक्त होता है।

    बाजार के विशेषज्ञों की राय

    विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी महीनों में सोने की कीमतों में और उतार-चढ़ाव संभव है। वैश्विक आर्थिक घटनाएँ, डॉलर की कीमत, और अंतरराष्ट्रीय सोने की दरें सीधे भारत के बाजार को प्रभावित करती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल बाजार की वर्तमान स्थिति पर ध्यान न दें, बल्कि भविष्य के रुझानों का अनुमान लगाकर निर्णय लें।

    निष्कर्ष

    28 अगस्त 2025 को भारत में सोने की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू मांग का मेल है। निवेशकों को सोने में निवेश करने से पहले बाजार के उतार-चढ़ाव, त्योहारों के प्रभाव और वैश्विक आर्थिक कारकों को ध्यान में रखना चाहिए।

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