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    भारत की 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी को कैबिनेट की हरी झंडी, अहमदाबाद बनेगा मुख्य केंद्र

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    भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) की मेजबानी के लिए कैबिनेट से मंज़ूरी हासिल कर ली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है, जिसके बाद अहमदाबाद को इस महाकुंभ का मुख्य आयोजन स्थल घोषित किया गया है।

    इस फैसले को भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जा रहा है।

    अहमदाबाद बनेगा खेलों का केंद्र

    2030 कॉमनवेल्थ गेम्स का मुख्य आयोजन स्थल होगा नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद, जो दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है।

    • इस स्टेडियम की क्षमता 1,32,000 दर्शकों की है।

    • अनुमान है कि उद्घाटन और समापन समारोह यहीं आयोजित किए जाएंगे।

    • इसके अलावा अहमदाबाद और आसपास के शहरों में नए स्टेडियम और इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किए जाएंगे।

    भारत के लिए यह क्यों खास है?

    1. दूसरी बार मेजबानी — भारत ने पहली बार 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी। 20 साल बाद यह दूसरा मौका होगा।

    2. वैश्विक पहचान — इससे भारत की पहचान एक उभरती हुई खेल महाशक्ति के रूप में और मजबूत होगी।

    3. 2036 ओलंपिक की तैयारी — विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आयोजन भारत के 2036 ओलंपिक की मेजबानी की महत्वाकांक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण अभ्यास होगा।

    सरकार और खेल मंत्रालय का दृष्टिकोण

    केंद्रीय खेल मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा—

    “2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी से भारत के खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर खेलने का बड़ा अवसर मिलेगा। साथ ही, यह आयोजन पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इसे “नए भारत की खेल शक्ति और आत्मनिर्भरता की पहचान” बताया।

    आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

    • नौकरी और रोजगार: खेलों के आयोजन से हजारों नौकरियाँ पैदा होंगी।

    • पर्यटन में वृद्धि: विश्वभर से लाखों दर्शक भारत आएंगे, जिससे होटल, परिवहन और पर्यटन उद्योग को बड़ा फायदा होगा।

    • इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: अहमदाबाद और आसपास के शहरों में मेट्रो, सड़कें और अन्य सुविधाएँ तेजी से विकसित होंगी।

    • खेल संस्कृति का प्रसार: युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और भागीदारी बढ़ेगी।

    खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

    • बैडमिंटन स्टार पी.वी. सिंधु:
      “भारत में इतने बड़े आयोजन का हिस्सा बनना गर्व की बात होगी। यह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा।”

    • ओलंपियन नीरज चोपड़ा:
      “घरेलू मैदान पर कॉमनवेल्थ गेम्स खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है। यह हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है।”

    चुनौतियाँ भी कम नहीं

    हालाँकि यह फैसला ऐतिहासिक है, लेकिन चुनौतियाँ भी सामने हैं:

    1. इन्फ्रास्ट्रक्चर की समय पर तैयारी — बड़े आयोजन के लिए उच्च स्तरीय खेल परिसरों और सुविधाओं की ज़रूरत होगी।

    2. पारदर्शिता और प्रबंधन — 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के आरोप लगे थे। इस बार सरकार ने वादा किया है कि आयोजन पूरी तरह पारदर्शी होगा।

    3. सुरक्षा व्यवस्था — इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी, जिसके लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएँगी।

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) ने भारत के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि भारत जैसे बड़े देश में यह आयोजन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के लिए एक नया अध्याय होगा।

    कई अंतरराष्ट्रीय खेल विश्लेषकों का मानना है कि भारत की मेजबानी से एशिया में खेलों की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी।

    भारत की तैयारी और रोडमैप

    सरकार ने आयोजन की तैयारी के लिए विशेष “2030 CWG आयोजन समिति” गठित करने का ऐलान किया है।

    • समिति में खेल मंत्रालय, राज्य सरकार, BCCI, IOA और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

    • 2026 तक सभी प्रमुख खेल परिसरों का निर्माण और नवीनीकरण पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

    • पर्यावरणीय दृष्टि से ग्रीन गेम्स का आयोजन करने की भी योजना है, जिसमें सौर ऊर्जा और सतत विकास पर जोर दिया जाएगा।

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