• Create News
  • Nominate Now

    बॉम्बे हाईकोर्ट का माराठा आरक्षण आंदोलन पर कड़ा बयान, आंदोलनकारियों को चेतावनी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

         बॉम्बे हाईकोर्ट ने माराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन इसे हिंसा, आगजनी और कानून-व्यवस्था तोड़ने का साधन नहीं बनाया जा सकता। अदालत ने आंदोलनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विरोध-प्रदर्शन हिंसक होगा तो सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी होगी।

    हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा—
    “किसी भी लोकतंत्र में शांतिपूर्ण आंदोलन का अधिकार हर नागरिक को है, लेकिन यह अधिकार दूसरों के अधिकारों का हनन करके इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर आंदोलन की वजह से आम जनता परेशान होती है, अस्पताल जाने वाले मरीज रुक जाते हैं, या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो यह असंवैधानिक है।”

    मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का पूरा अधिकार है। इसलिए किसी भी आंदोलन में हिंसा या सार्वजनिक संपत्ति की हानि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    महाराष्ट्र में लंबे समय से माराठा समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है। 2018 में राज्य सरकार ने मराठों को सोशल एंड एजुकेशनल बैकवर्ड क्लास (SEBC) श्रेणी में शामिल कर 16% आरक्षण दिया था। लेकिन 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया और 50% से अधिक आरक्षण सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया।

    इसके बाद से समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में यह आंदोलन तेज हुआ है और कई जिलों में सड़क जाम, धरना और अनशन देखने को मिला है।

    हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को भी निर्देश दिए कि वह इस मुद्दे पर जल्द से जल्द ठोस निर्णय ले और आंदोलनकारी संगठनों के साथ संवाद बनाए रखे। अदालत ने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह समाज के हर वर्ग को न्याय दे, लेकिन यह प्रक्रिया कानून और संविधान की मर्यादा के भीतर होनी चाहिए।

    हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है और वे केवल अपने हक की मांग कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे आंदोलन को और बड़ा करेंगे।

    महाराष्ट्र पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। नासिक, औरंगाबाद, बीड और जलना जैसे इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

    इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आरक्षण के मसले पर गंभीर नहीं है। जबकि सत्ताधारी दल का कहना है कि वे इस मुद्दे पर संवेदनशील हैं और सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    महाराष्ट्रातील कास पठार : फुलझाडांचे अद्भुत दृश्य जे मोहित करील प्रत्येक पाहुण्याला

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      महाराष्ट्राच्या सातारा जिल्ह्यातील कास पठार (Kaas Plateau) हे ठिकाण पर्यटकांसाठी आणि निसर्गप्रेमींसाठी अप्रतिम आकर्षण आहे. सुमारे 1200 मीटर…

    Continue reading
    सोलापुर के किसानों ने पहली बार केला किया ओमान को निर्यात, कृषि क्षेत्र में नई उपलब्धि

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के किसानों ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पहली बार अपने केले को ओमान…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *