




बदायूं जिले के नगर उझानी स्थित विमला हरि भगवान इंटर कॉलेज में हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व से परिचित कराना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम का मुख्य विषय था— “एक राष्ट्र, एक चुनाव” (One Nation, One Election), जिस पर जिला सहसंयोजक अजय शर्मा ने विस्तार से छात्रों को जानकारी दी।
मुख्य वक्ता अजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में बार-बार चुनाव कराना न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि इससे सरकारी खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। उन्होंने बताया कि हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यदि देशभर में एक साथ चुनाव हों, तो इन खर्चों में भारी कमी आएगी और वह धन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास जैसे क्षेत्रों में लगाया जा सकेगा।
उन्होंने छात्रों को यह भी समझाया कि अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते हैं। सरकारी मशीनरी, पुलिस बल और शिक्षण संस्थानों को बार-बार चुनावी प्रक्रिया में लगाना पड़ता है, जिससे सामान्य प्रशासनिक कार्य बाधित होते हैं। “एक राष्ट्र, एक चुनाव से यह समस्या दूर होगी और प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता आएगी,” उन्होंने कहा।
अजय शर्मा ने जोर देकर कहा कि इस व्यवस्था से सार्वजनिक धन और संसाधनों की बचत होगी। उन्होंने छात्रों को उदाहरण देते हुए बताया कि चुनाव आयोग हर चुनाव में विशाल मानव संसाधन, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM), सुरक्षा बल और प्रशासनिक कर्मचारियों की तैनाती करता है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास योजनाओं पर असर पड़ता है।
यदि देशभर में एक साथ चुनाव होंगे, तो यह प्रक्रिया पारदर्शी, कम खर्चीली और प्रभावी होगी।
अजय शर्मा ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा लोकतंत्र को मज़बूत करेगी। बार-बार चुनावी गतिविधियों के कारण राजनीतिक दल हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, जिससे नीतियों और योजनाओं पर ध्यान कम हो जाता है। लेकिन एकसाथ चुनाव होने पर सरकार को पूरे कार्यकाल में नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने वक्ता से सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए। बच्चों की जिज्ञासा और उनकी लोकतांत्रिक विषयों पर चर्चा करने की क्षमता देखने योग्य थी। कई छात्रों ने इस पहल को समाज के लिए सकारात्मक बताते हुए कहा कि इससे राजनीतिक स्थिरता और विकास की गति बढ़ेगी।
विद्यालय के प्रिंसिपल गोपाल शर्मा भी इस मौके पर उपस्थित थे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा सिर्फ पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों को समझें और भविष्य में देश के जिम्मेदार नागरिक बनें।
उन्होंने कहा— “हमारा देश युवाओं पर निर्भर है। अगर बच्चे आज से लोकतंत्र की समझ विकसित करेंगे, तो कल एक जिम्मेदार नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।”
यह कार्यक्रम बच्चों के लिए केवल एक व्याख्यान नहीं था, बल्कि नागरिक जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। छात्रों को यह अहसास कराया गया कि लोकतंत्र सिर्फ मतदान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें हर नागरिक की सक्रिय भूमिका होती है।
आज की युवा पीढ़ी कल का भविष्य है। ऐसे में उन्हें समय रहते लोकतांत्रिक प्रक्रिया और उसके महत्व से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को न केवल जागरूक करते हैं, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित भी करते हैं।